SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 267
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ २४४ ] अलङ्कार- धारणा : विकास और विश्लेषण १ माना है । कार्यकारण की अननुरूपता की धारणा प्राचीन आचार्यों की विभावना के सामान्य लक्षण में निहित थी । विभावना से स्वतन्त्र अचिन्त्य नामक नवीन अलङ्कार की कल्पना आवश्यक नहीं । अशक्य कार्योत्पत्ति के प्रतिबन्धक के होने पर कार्य करने की असमर्थता के वर्णन में अशक्य अलङ्कार माना गया है ।२ प्रतिबन्धक के होने पर भी कार्योत्पत्ति में तो चमत्कार रहता है पर प्रतिबन्धक के होने पर कार्य की अशक्यता में क्या चमत्कार होगा ? अतः चमत्कार के अभाव के कारण अशक्य को अलङ्कार नहीं माना जा सकता । व्यत्यास दोष में गुण तथा गुण में दोष मानने को शोभाकर ने व्यत्यास अलङ्कार कहा है । इसी अलङ्कार-धारणा ने पीछे चल कर 'कुवलयानन्द' तथा 'रसगङ्गाधर " में लेश को जन्म दिया । भरत ने लक्षण में इस प्रकार की उक्ति पर विचार किया था। शोभाकर ने उसे अलङ्कार के रूप में स्वीकार किया । अप्पय्य दीक्षित तथा पण्डितराज जगन्नाथ ने भी उसे कुछ संज्ञा-भेद से अलङ्कार के रूप में स्वीकृति दी । आचार्य भरत ने कार्य लक्षण में गुण का अपसारण कर दोष की योजना तथा दोष का अपसारण कर अर्थ से गुण की योजना की धारणा व्यक्त की थी । उसीसे गुण में दोषत्व तथा दोष में गुणत्व की धारणा ली गयी है । इसी लक्षण ने व्यङ्ग्यार्थ का सहारा लेकर व्याजस्तुति को जन्म दिया है । इस अलङ्कार में दोष और गुण का एक दूसरे से व्यत्यास की धारणा व्यक्त की गयी है । समता गुण का दोष से तथा दोष का गुण से अपसारण किये जाने के स्थल में समता अलङ्कार का सद्भाव माना गया है ।" यह शोभाकर का नवीन १. अविलक्षणाद्विलक्षणकार्योत्पत्तिश्चाचिन्त्यम् । - शोभाकर, अलं० रत्ना० ५८ २. प्रतिबन्धका देविधानासामर्थ्य मशक्यम् । - वही, ६५ ३. दोषगुणयोरन्यथात्वं व्यत्यासः । - वही, ६६ ४. द्रष्टव्य — भरत, ना० शा०, १६,३७ ५. तदन्याभ्यां समाधानं समता । शोभाकर, अलं० रत्ना०, ६७
SR No.023467
Book TitleAlankar Dharna Vikas aur Vishleshan
Original Sutra AuthorN/A
AuthorShobhakant Mishra
PublisherBihar Hindi Granth Academy
Publication Year1972
Total Pages856
LanguageSanskrit, Hindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size19 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy