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________________ अलङ्कार-धारणा का विकास - [२२७ निदर्शना अलङ्कार मानते हैं।' सामान्य से विशेष के समर्थन को तो वे अर्थान्तरन्यास कहते हैं; पर विशेष से विशेष एवं सामान्य के समर्थन को निदर्शना ।। उक्त अलङ्कारों के स्वरूप को मिला देने के कारण ही हेमचन्द्र इससे पृथक् दृष्टान्त की सत्ता नहीं मानते। भामह और दण्डी ने भी दृष्टान्त की सत्ता नहीं मानी थी। हेमचन्द्र ने निदर्शना के जो उदाहरण दिये हैं, उनमें देवीभाव गमिता....'आदि श्लोक वस्तुतः प्रतिवस्तूपमा का तथा 'क्व सूर्यप्रभवो वंशः ....' आदि श्लोक निदर्शना का उदाहरण है। उक्त दो अलङ्कारों के पृथक्-पृथक् अस्तित्व की स्थापना हो जाने के उपरान्त उनके वैशिष्ट्य के विगलन तथा एकीकरण में कोई सबल युक्ति नहीं दी गयी है। दीपक, अन्योक्ति तथा पर्यायोक्त के सम्बन्ध में हेमचन्द्र ने आचार्य मम्मट की धारणा को यथावत् स्वीकार कर लिया है। हेमचन्द्र की अन्योक्ति मम्मट की अप्रस्तुत-प्रशंसा की ही अपर संज्ञा है । अतिशयोक्ति की सामान्य-धारणा मम्मट आदि से ही ली गयी है। इसके भेदों की विवेचना में हेमचन्द्र ने अपने पूर्ववर्ती आचार्य रुय्यक की मान्यता को स्वीकार किया है। मम्मट के भेद में अभेद तथा अभेद में भेद, इन दो अतिशयोक्ति-प्रकारों के साथ रुय्यक ने दो और प्रकारों की—सम्बन्ध में असम्बन्ध तथा असम्बन्ध में सम्बन्ध-की कल्पना की थी। हेमचन्द्र ने उक्त चारो अतिशयोक्ति-भेदों को स्वीकार किया है। आक्षेप. विरोध या विरोधाभास, सहोक्ति, समासोक्ति, जाति या स्वभावोक्ति, व्याजस्तुति, श्लेष तथा व्यतिरेक के विषय में हेमचन्द्र की मान्यता मम्मट की मान्यता से अभिन्न है। जाति स्वभावोक्ति का पर्याय है। आचार्य मम्मट की अर्थान्तरन्यास-परिभाषा को हेमचन्द्र ने अंशतः ही स्वीकार किया है। मम्मट साधर्म्य तथा वैधर्म्य के द्वारा सामान्य का विशेष से तथा विशेष का सामान्य से समर्थन अर्थान्तरन्यास का लक्षण मानते थे। १. इष्टार्थसिद्ध्य दृष्टान्तो निदर्शनम् ।-वही, ६, पृ० ३०२ २. या सामान्यस्य विशेषस्य वा विशेषेण समर्थनं तन्निदर्शनम् । यत्र तु विशेषस्य सामान्येन समर्थनं सोऽर्थान्तरन्यासः ........। -वही, व्याख्या, पृ० ३०३
SR No.023467
Book TitleAlankar Dharna Vikas aur Vishleshan
Original Sutra AuthorN/A
AuthorShobhakant Mishra
PublisherBihar Hindi Granth Academy
Publication Year1972
Total Pages856
LanguageSanskrit, Hindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size19 MB
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