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रूपक-साम्य, रूपक-समुच्चय, रूपक-अतिशयोक्ति ६७७; रूपकपरिणाम ६७८; रूपक-अपह्नति ६८०; रूपक-भ्रान्तिमान् ६८१; रूपक-अभेद, रूपक-उल्लेख ६८२; रूपक-उत्प्रेक्षा ६८३; दीपकप्रतिवस्तूपमा ६८४; दीपक-उपमा; उत्प्रेक्षा-अपह्न ति ६८६; उत्प्रेक्षा-अतिशयोक्ति, उत्प्रेक्षा-भ्रान्तिमान् ६८७; उत्प्रेक्षा-वक्रोक्ति ६८८; उत्प्रेक्षा-सन्देह ६८९; समासोक्ति-अप्रस्तुतप्रशंसा ६६०; समासोक्ति-प्रस्तुताङ कुर, समासोक्ति-परिणाम ६९१; समासोक्तिप्रतिवस्तूपमा ६६२; समासोक्ति-आक्षेप, समासोक्ति-भाव ६६३; समासोक्ति-पर्यायोक्ति, समासोक्ति-सहोक्ति, समासोक्ति-श्लेष ६६४; दृष्टान्त-प्रतिवस्तूपमा ६९६; दृष्टान्त-अर्थान्तरन्यास ६९६; दुष्टान्त-निदर्शना ७००; अर्थान्तरन्यास-अप्रस्तुतप्रशंसा ७०२; अर्थान्तरन्यास-काव्यलिङ्ग ७०३; विभावना-विशेषोक्ति ७०६; अप्रस्तुतप्रशंसा-अपह्नति, अप्रस्तुतप्रशंसा-पर्यायोक्ति ७०६; अप्रस्तुतप्रशंसा-अतिशयोक्ति ७०७; अन्योक्ति-भाव, अन्योक्ति-पर्याय ७०८; पर्याय-भाव, पर्याय-सूक्ष्म, परिकर-परिकराङ कुर ७०६; मीलितसामान्य ७१०; मीलित-व्याजोक्ति, मोलित-अपह्न ति, मीलितउन्मीलित ७११; मीलित-तद्गुण ७१२; सामान्य-तद्गुण, सामान्यभ्रान्तिमान् ७१३; सामान्य-रूपक, सामान्य-अतिशयोक्ति ७१४; तद्गुण-भ्रान्तिमान्, विषम-असङ्गति ७१५; विषम-विरोध, विरोधअसङ्गति ७१६; विरोध-विरोधाभास, विषम-विषादन ७१७; कारणमाला-सार, कारणमाला-मालादीपक, कारणमाला-एकावली, एकावली-मालादीपक ७१८; हेतु-काव्यलिङ्ग ७१६; सन्देहभ्रान्तिमान्, सन्देह-वितर्क ७२०; अनन्वय-असम , श्लेष-वक्रोक्ति ७२१; स्मरण-भ्रान्तिमान्, तुल्ययोगिता-दीपक ७२२; तुल्ययोगिता-सहोक्ति ७२३; सहोक्ति-समुच्चय ७२४; पिहित-मीलित ७२५; पिहित-तद्गुण, पिहित-सूक्ष्म ७२५; शब्दश्लेष-अर्थश्लेष ७२६; संसृष्टि-सङ्कर, आक्षेप-अपह्न ति, समासोक्ति-रूपक ७२७; निदर्शना-गम्या-उपमा, श्लेष-अप्रस्तुतप्रशंसा ७२८; अतिशयोक्तिउल्लेख, अतिशयोक्ति-भ्रान्तिमान्, ७२६; अतिशयोक्ति-सन्देह, अतिशयोक्ति-असङ्गति, प्रतिवस्तूपमा-निदर्शना ७३०; प्रतिवस्तूपमाअर्थान्तरन्यास, दृष्टान्त-उपमा, दृष्टान्त-दीपक ७३१; विभावना