________________
विरोधाभास ७३२; अर्थान्तरन्यास-अनुमान, अर्थान्तरन्यास-विकस्वर, व्याजस्तुति-अप्रस्तुतप्रशंसा ७३३; काव्यलिङ्ग-अनुमान, काव्यलिङ्गपरिकर ७३४; उदात्त-अत्युक्ति ७३५; समुच्चय-समाधि ७३६; समुच्चय-काव्यलिङ्ग, समुच्चय-दीपक, समुच्चय-पर्याय ७३७; पर्यायविशेष, पर्याय-परिवृत्ति,व्याजोक्ति-अपह्न ति ७३८; उत्तर-काव्यलिङ्ग, उत्तर-अनुमान ७४०; उत्तर-परिसंख्या, सूक्ष्म-अनुमान ७४१; समाधि-प्रहर्षण, सम-समुच्चय, भ्रान्तिमान्-मीलित ७४२; अतद्गुण-विशेषोक्ति, यमक-अनुप्रास ७४३; यमक-पुनरुक्तवदाभास अर्थान्तरन्यास-उदाहरण ७४५; रूपक-निदर्शना ७४६; रूपक-सन्देह, भ्रान्तिमान्-उल्लेख, ७४७; उत्प्रेक्षा-सम्भावना दीपक-मालादीपक, व्यतिरेक-प्रतीप ७४८; व्यतिरेक-असम, अप्रस्तुतप्रशंसा-प्रस्तुताङ कुर ७४६; रूपक-विरोधाभास ७५०; विचित्र-विषम, विशेष-प्रहर्षण ७५१; विशेष-विषम, विशेष-अतिशयोक्ति, विशेष-रूपक, विशेषस्मरण ७५२; सार-वर्धमानक, सार-पर्याय ७५३; विकल्प-समुच्चय, ललित-निदर्शना ७५४; ललित-अप्रस्तुतप्रशंसा, ललित-समासोक्ति, ललित-अतिशयोक्ति ७५५; प्रत्यनीक-हेतूत्प्रेक्षा, अवज्ञा-अतद्गुण, अवज्ञा-विशेषोक्ति, ७५६; उल्लास-तद्गुण, लेश-व्याजस्तुति ७५७; दीपक-सहोक्ति, निदर्शना-अतिशयोक्ति ७५८; प्रतिवस्तूपमातुल्ययोगिता ७५६; उपमा-दीपक, उपमा-तुल्ययोगिता, अप्रस्तुतप्रशंसा दृष्टान्त, विरोधाभास-विशेषोक्ति ७६०; अपह्न ति-सामान्य, भाविक-भ्रान्तिमान् ७६१; भाविक-अतिशयोक्ति, भाविक उत्प्रेक्षा, भाविक-काव्यलिङ्ग ७६२; भाविक-रसवत्, भाविक-स्वभावोक्ति ७६३; भाविक-उदात्त, स्वभावोक्ति-रसवत्, स्वभावोक्ति-उदात्त, सम-विषम ७६४; अप्रस्तुतप्रशंसा-प्रतिवस्तूपमा, निश्चय-सन्देह
७६५; निश्चय-भ्रान्तिमान्, निश्चय-अपह्नति ७६६ । सप्तम अध्याय अलङ्कार और भाषा
७६७-७८६ अष्टम अध्याय अलङ्कार और मनोभाव
७८७-८०३ उपसंहार
८०५-८१५