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________________ [ग ] ४७३; दृष्टान्त ४७८; निदर्शना ४८१ ; प्रतिवस्तूपमा ४८५; तुल्ययोगिता ४८६; समासोक्ति ४९० ; अप्रस्तुतप्रशंसा ४६४; सहोक्ति ४ε७; अर्थान्तरन्यास ५००; आक्षेप ५०५; स्मरण ५०६ ; भ्रान्तिमान् -५१३; सन्देह ५१५; उल्लेख ५१८; अतिशयोक्ति ५२०; प्रतीप ५२५; विनोक्ति ५२८; अन्योक्ति ५३०; साम्य ५३२; प्रत्यनीक ५३३; स्वभावोक्ति ५३५; समुच्चय ५४१; यथासंख्य ५४३; पर्याय ५४७; कारणमाला ५४८; एकावली ५५०; सार ५५२; अन्योन्य ५५४; परिवृत्ति ५५६; परिसंख्या ५६० ; मालादीपक ५६२; हेतु, सूक्ष्म और लेश ५६५; परिकर ५६६; परिकराङ कुर ५७२; उत्तर ५७३; अनुमान ५७५; मीलित ५७७; सामान्य ५७६; तद्गुण और अतद्गुण ५८१; अनुगुण ५८३; पूर्वरूप ५८४; उन्मीलित तथा विशेषक ५८५; पिहित ५८६; विशेष ५८८ पूर्व, विभावना ५६०; विशेषोक्ति, अधिक - तथा अल्प ५६५; विषम तथा सम ६००; विरोध ६०३; असङ्गति -६०५; व्याघात ६०७; विचित्र ६१० ; अत्युक्ति ६११; व्याजोक्ति -६१२; व्याजस्तुति तथा व्याजनिन्दा ६१३; गूढोक्ति, विवृतोक्ति तथा युक्ति ६१६; पर्यायोक्त ६१८; प्रस्तुताङ कुंर ६२० ; ललित ६२१; रसवत् ६२२; प्रेय ६२५; ऊर्जस्वी ६२६; समाहित ६२७; भाविक ६२८; उदात्त तथा अवसर ६३३; काव्यलिङ्ग ६३५; प्रमाणालङ्कार ६३७; विकस्वर ६३९; अर्थापत्ति ६४० ; विकल्प ६४१; असम्भव ६४२; सम्भावना, मिथ्याध्यवसिति ६४३; समाधि ६४४; प्रौढोक्ति ६४५; प्रहर्षण ६४६; विषादन ६४७; उल्लास ६४७; अवज्ञा ६४८; अनुज्ञा, तिरस्कार ६४६; मुद्रा, रत्नावली ६५०; लोकोक्ति ६५१; छेकोक्ति, निरुक्ति ६५२; प्रतिषेध ६५३; विधि, असम ६५४; संसृष्टि और सङ्कर ६५५; अन्य अलङ्कार ६५८ । षष्ठ अध्याय अलङ्कारों का पारस्परिक भेद ६५९ उपमा-रूपक ६६०; उपमा - उत्प्रेक्षा ६६४; उपमा - अनन्वय ६६६; उपमा-उपमेयोपमा ६६९; उपमा - प्रतिवस्तूपमा ६७० ; उपमाव्यतिरेक ६७२; उपमा-प्रतीप ६७३; उपमा-परिणाम ६७४; ६७५; उपमा-समुच्चय ६७६; उपमा-उभयन्यास, उपमा-साम्य
SR No.023467
Book TitleAlankar Dharna Vikas aur Vishleshan
Original Sutra AuthorN/A
AuthorShobhakant Mishra
PublisherBihar Hindi Granth Academy
Publication Year1972
Total Pages856
LanguageSanskrit, Hindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size19 MB
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