SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 645
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ ५१२ ] वृत्तमौक्तिक-पञ्चम परिशिष्ट वर्ण-संख्या वृत्तनाम विषमचरणों समचरणों संदर्भ-ग्रंथ. का लक्षण का लक्षण संकेतांक (१४, १३) लास्यलीला [भ स त त गग] [त य र र ग ] १७. (१४, १३) सम्मदाक्रान्ता [म स ज र ग ग] [स स ज र ग] १७. (१४, १८) मार्दगी [स न स न ग ग] [म न ज न ज य] १७;मातङ्गी-१७. (१४. १०) अकोशकृष्टा [सभ र ज ग ग] [त ज र ग ] १७. (१४, १३) अतिप्रतिविनीता [स भ र न ग ग] [न य ज र ग ] १७. (१५, १४) उरुगी [न न न न स ] [न न भ न ल ग] १६. (१५, १५) देवगीति [र ज र ज र ] [ज र ज र य ] २२. (१५, १३) प्रमोदपदम् न ज ज भ य] [न न र ज ग ] १७. (१५, १६) पासववासिता [न भ ज र य स भ र ज स ग] १७. (१५, १२) बृहच्छरावती [स भ न ज र ] [न न र य ] १७. (१५, १४) अवरोधवनिता [स स ज भ य ] [न म भ र ल ग] १७. (१६, ३) सारसी [ज र ज र ज ग] [र ] १०. (१६. १६) वासिनी [त ज भ ज ज ग न ज भ ज ज ग] १७. (१६, १६) वासववासिनी [न ज भ ज ज ग] [त ज भ ज ज ग] १७. (१६. १३) अपरप्रीणिता न न स त त ग) [न न त त ग ] १७. (१६, १५) अनासववासिता [स भ र ज स ग] [न भ ज र य ] १७. (१६, १२) हीनताली [सभ स ज र ग] [म न ज र ] १७. (१७, १८) मानिनी [भ र न जन न ज भ स न स] १०. लग (१७, १८) मानिनी [भ र न भर न ज भ स न स] १६. लग] (१८, १४) मादंगी [म न ज न न य] [सन स न ग ग] १६. (२०, ३) अपरा [ज र ज र ज र ] १०. र ल ग (२४, ३) हंसी [ज र ज र ज र [र ] १०. (२६, ३१) शिखा [न न न न न न न न न ल ग] [न न न न न न न न न न ग] न न न न न न २, ५, १०, १३, १८, न न न न ग] १९, २०, २२. न न न न न न २, ५, १०, १३, १८, न न न लग] १६, २२. (३१, २६) खञ्जा
SR No.023464
Book TitleVruttamauktik
Original Sutra AuthorN/A
AuthorVinaysagar
PublisherRajasthan Prachyavidya Pratishtan
Publication Year1965
Total Pages678
LanguageSanskrit, Hindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size35 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy