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________________ 1 ४६६ ] प्रस्तारसंख्या छन्द - नाम ३०,५८४. नरशिखी ३१,२०७. सारवरोहा वरयुवतिः ललना ३२,७६८. चल धृति: ३६,६६७ दन्तालिका ४३,६६७. कल्पधारि ५२,४१७. कुल्यावर्त्तम् ११,६६८. वीरविश्रामः १६,१८३. वल्वजम् १६,१८६. क्रूराशनम् २०,३६८. कामरूपम् २३,६०० प्रतिशायिनी २३,६०४ शायिनी वाणिनी ३२,३२०. सलेखा ३२,३८३. तितिक्षा ३२,७६८. वसुधारा रोहिणी ३८,७५१. बालविक्रीडितम् ३८, ७५८. कालसारोद्धतः कान्ता हरिः ५२,४६५. विरुदरुतम् ५२,६६३. कासारम् ५६, १६७. वंशल: विलासिनी ६४,६१२. विधुरविरहिता ६४,९२४. शुकवनिता ६४,९४७. वाहान्तरितम् वृत्तमौक्तिक - पञ्चम परिशिष्ट लक्षण न भ ज स न ग भ त न त न ग भ र य न न ग र न न न न ग न न न न न ग त म र म य ल र र र ज र ल मम स भ त ल नन र न र ग ग भ भ त न स ग ग त न त न सग ग म र भन त ग ग स स ज भ ज ग ग सन्दर्भ-ग्रन्थ-सङ्क ेताङ्क सप्तदशाक्षर छन्द न स ज भ ज ग ग न ज भ ज ज ग ग न न न न न ग ग भ न य न न ग ग न न न न न रा ग न स म म य ल ग भ स ज स य ल ग ज त ज स य ल ग य भ न र स ल ग न न म र स ल ग म भ स भ त ल ग म म त न त ल ग भ त ज ज ज ल ग न ज भ ज भ ल ग स त य भ न लग स स भ भ न ल ग त न भ भ न लग १७. १७. २, १०, १४. १०, २०, २२. १०. १७. १७; चारि - १७. १७; कुल्यावृत्तं - १७. १७. १७; वल्गुजम् - १७. १७; कूराशनम् - १७; क्रूरासनं -१७; कूरासनं १७; १७. २, १०, १४, १७, १६; यादवी - ११; चित्रलेखा - १४. १७. १०, १८. १७. १७. १०, १६. १०. १७. १७. १४. १४. १७. १७. १७ ४. १७ १७; शिशुकवनिता - १७. १७.
SR No.023464
Book TitleVruttamauktik
Original Sutra AuthorN/A
AuthorVinaysagar
PublisherRajasthan Prachyavidya Pratishtan
Publication Year1965
Total Pages678
LanguageSanskrit, Hindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size35 MB
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