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________________ प्रस्तारसंख्या छन्द-नाम २३,१३१ ऊहिनी २३, २६४. मितस विथ १,०२४. माल्योपस्थम् ४,०६६. कल्पाहारी वेल्लिता ५,५३६. प्रतीपवल्ली ७,१५६. श्रारभटी ६,२८०. वक्रावलोकः सुरतललिता चित्रम् १०. १६२. श्रभिधात्री १३,१०८. अनिलोहा कान्तम् १३,३०९. भोगावलिः १४,०४४. कामुकी ललितपदम् १५, ३७६. वलिवदनम् १५,५६५. सूतशिखा १५,५८०. परिखायतनम् १५,६०१. मालावलयम् शरमाला १६,३६६. भीमावर्त्तः १६,३८४. शिशुभरणम् कोमललता २३,२६४. तरवारिका मङ्गलमङ्गना २५,५५२. कमलपरम् २७,८२४. मणिकल्पलता २८, ६७२. कलहकरम् प्रमुदिता सन्दर्भ-ग्रन्थों में प्राप्त वणिक - वृत्त लक्षण र स य ज ज न स स ज ज षोडशाक्षर-छन्द न न न य म ग न न न न म ग स स स न म ग स स भ र य ग भ भ न ज य ग नन म र र ग म न स त र ग र ज र ज र ग स स स ज र ग सभ त य स ग न य न य स ग त न न य स ग स स स स स ग्र न न न ज स ग न य म भ स रा त य स भ स ग स स स भ स ग म भ स भ स ग भ भ भ भ स ग म भ न न स ग न न न न स ग म त स त त ग न स स ज ज ग न भ ज ज ज ग न य न य भ ग न ज र भ भ ग्र न न न न भ ग भ र नर न म सन्दर्भ-ग्रन्थ सङ्केताङ्क १७. १७. १७. १७. १०, २०. १७. १७. १७. १०. १०. १७. १७. १६. १७. १० पदम् - १७. १०; कमलदलम् - १६. १७. सोमडकम् - ११ ; १७. १७; परिखापतनं - १७. १७. १०; स्मरशरमाला - १६. १७. १७. १७. १०. [ ४e५ कलधौत १०, २०. १७. १०, १६. १७. ६, १०, १४; त्रोटकम् - १७; चिन्तामणि - १६; इन्दुमुखी - १९.
SR No.023464
Book TitleVruttamauktik
Original Sutra AuthorN/A
AuthorVinaysagar
PublisherRajasthan Prachyavidya Pratishtan
Publication Year1965
Total Pages678
LanguageSanskrit, Hindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size35 MB
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