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________________ सन्दर्भ-ग्रन्थों में प्राप्त वणिक-वृत्त [ ४८३ प्रस्तार- छन्द-नाम संख्या लक्षण सन्दर्भ-ग्रन्थ-सङ्के ताङ्क ३०६. ३२०. १७. A 되리 외 ३४८. ३५०. ३५१. ३५२. ३६४. ३६५. ४००. ईहामगी परिमलललितम् विलासिनी विमला सरोजवनिका अमन्दपादः पञ्चशाखी पटुपट्टिका उपस्थिता श्रुतकीतिः त भ त ग ग न न त गग ज र ज ग ग स स ज ग ग ज स ज ग ग भ स ज ग ग न स ज ग ग स ज ज ग ग त ज ज ग ग न य भ ग ग १७. 최 의외의 국소 회의소 의 A १७, १६. १७, पतिता-१०, ४, १४, १६% श्री:-१६. १७. ४१२ ४१५. ४४०. ४७२० ४८०. ५०५. ५०८. ५१२. ५८६. ६००. वर्णवलाका श्रमितशिखण्डी रोधकम् मदनमाला अशोका मात्रा सुवृत्तिः वृत्ताङ्गी भुजङ्गी जवनशालिनी सारिणी प्रसृमरकरा सारणी गल्लकम् प्रपातावतारम् गह्वरम् वारयात्रिकम् इन्दिरा स स भ ग ग भ स भ गग न भ भ ग ग न र न ग ग न स न ग ग मन न ग ग सन न ग ग्र न न न ग ग य य य ल ग न र यलय ज स य ल ग न स य ल ग स ज य ल ग न न य ल ग य य र लग र र र ल ग भर र ल ग न र र लय ६०६. ६०८. ६२०. ६४०. २०; सङ्गता-२२. १७. १०. १७. १७. १७. १७, १५ टी०; कनकमञ्जरीरूपगोस्वामिकृत वस्त्रहरण स्तोत्र भाविनी-१७; भामिनी-१७; १७; अपरान्तिका-१६.. सभ र ल ग ६६२. सीधुः प्रतारिता सनर लग
SR No.023464
Book TitleVruttamauktik
Original Sutra AuthorN/A
AuthorVinaysagar
PublisherRajasthan Prachyavidya Pratishtan
Publication Year1965
Total Pages678
LanguageSanskrit, Hindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size35 MB
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