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________________ विमान, ( छत्तीस सयं ) के. एक सो छत्रीश ( तंसा ) के० त्रिखुणा विमान (च) के० अने ( सयं च बत्तीसं ) के० एक सो बत्रीस (चउरंसा) के० चोखुणा विमान छे.॥ १६३ ॥ अट्टत्तरसय सोडस-सय पुण अठ्ठत्तरं सयं पुण्णं ॥ कमि सहस्सारे, वट्टा तंसा य चउरंसा ।। १६४ ॥ ५०५ ___ अर्थ-( सहस्सारे कप्पमि ) के० सहस्रार देवलोकने विषे ( अत्तर सय ) के० एकसो आठ ( वट्टा ) के० वाटला विमान, (सोडस सय ) के० एकसो सोल (तंसा) के० त्रिखूणा हिमान अने (पुण ) के० वली ( अतरं सयं पुण्णं ) के० बरोबर एकसो आठ विमान ( चउरंसा ) के० चोखूगा जाणवा. ॥ १६४ ॥ अडसीइ बाणउई, अट्ठालीइ य होइ बोधवा ॥ आणयपाणयकप्पे, वट्टा तंसा य चउरंसा ॥ १६५ ॥५४५ ___ अर्थ-( आणयपाणयकप्पे ) के० आनत अने प्राणत देवलोकमां ( अडसीइ) के० अठयासी ) वट्टा ) के० वाटला विमान, (बाणई ) के० बाणुं ( तंसा ) के० त्रिखूगा विमान, (य ) के० अने ( अठासीइ ) के अठयाशी ( चउरंसा) के चोखूणा विमान ( होइ ) के० छे ते ( बोधवा ) के० जाणवा ॥ १६५ ॥ चउसठ्ठी बावत्तरि, अडसही चेव होइ नायब्बा ॥ आरण अनुयं कप्पे, वट्टा तंसा य चउरंसा ॥ १६६ ॥५.५ अर्थ-( आरणअच्चुय कप्पे ) के० आरण अने अच्युत देवलोकमां ( चउसठी ) के० चोसठ ( वट्टा ) के० वाटला क्मिान,
SR No.023435
Book TitleBruhat Sangrahani
Original Sutra AuthorN/A
AuthorChandrasuri
PublisherUmedchand Raichand Master
Publication Year1924
Total Pages272
LanguageSanskrit
ClassificationBook_Devnagari
File Size17 MB
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