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________________ २१० भारतीय संवतों का इतिहास की लम्बाई निश्चित नहीं है। प्रति वर्ष बदलती रहती है। अतः कमेटी ने महसूस किया कि-"सौर महीने को खगोलशास्त्रीय रूप से परिभाषित नहीं किया जाना चाहिए। ३० या ३१ दिनों की लम्बाई नागरिक दिनों के लिए ठीक है । फिर भी महीनों का निश्चित समय कलैण्डर बनाने में सर्वाधिक सुविधाजनक है।"१ अतः कमेटी द्वारा पांच महीनों की लम्बाई ३१ व बाकी की ३० दिन निश्चित कर दी गयी है । भारत में दो प्रकार के चन्द्वीय माह प्रयोग होते हैं-नये चन्द्रमा के खत्म होने का व पूर्ण चन्द्रमा के खत्म होने का, पंचांग की गणना के लिए नये चन्द्रमा के अन्त के महीनों का प्रयोग किया जाता है। वर्ष आरंभ के लिए चन्द्र-सौर्य व्यवस्था में तीन पद्धति हैं । चन्द्रीय कलण्डर में महीने को दो आधे भागों में बांटा जाता है-शुदि व बदि । वास्तव में वर्ष २४ आधे-आधे महीनों में बांटा जाता है। अतः आधे महीने में १४ से १५ दिन होते हैं। तिथि के प्रयोग में तिथि गणना उद्देश्य में कुछ सुधार हुए हैं जो कि फसली कलैण्डर में उत्तरी भारत के कुछ हिस्सों में देखे जा सकते हैं। इस कलण्डर में महीना पूर्ण चन्द्र वाले दिन से या उससे अगले दिन से आरंभ होता है । तथा उसमें तिथियों की गणना १ से ३० तक बगैर रुकावट के पूर्ण चन्द्र तक होती चली जाती है । तिथियों की अधिकता "अधिक" या "कास्य" तिथि के रूप में होती है । वास्तव में इस कलण्डर का उन तिथियों से संबंध नहीं है जो कि महीने के आरंभ होने के बाद आरंभ होती हैं। कमेटी का सुझाव था कि चन्द्रसौर पंचांग भारत के किसी भी हिस्से में नागरिक उद्देश्यों के लिए प्रयोग किए जा रहे हैं । "इसके स्थान पर कमेटी ने सुधरे सौर पंचांग का सुझाव रखा जो कि भारत के प्रत्येक हिस्से में प्रयोग किया जाना चाहिए।"२ वर्तमान राष्ट्रीय पंचांग का प्रारूप अगले पृष्ठ पर दिया जा रहा है । राष्ट्रीय पंचांग के इस रूप को देखने से ऐसा लगता है कि यह शक पंचांग ही है । इसमें हुए सुधारों का यहां कोई भी चिन्ह दिखाई नहीं दे रहा जबकि इसमें एकदम नयी पद्धति प्रहण की गयी है। इसका पूरा इतिहास १. "रिपोर्ट ऑफ द कलैण्डर रिफोर्म कमेटी", १९५५, नई दिल्ली, पृ० २४५ । २. वही, पृ० २५१ । ३. भारत सरकार, "राष्ट्रीय पंचांग", दिल्ली, १९८६-६०, पृ० १७६-७८ ।
SR No.023417
Book TitleBharatiya Samvato Ka Itihas
Original Sutra AuthorN/A
AuthorAparna Sharma
PublisherS S Publishers
Publication Year1994
Total Pages270
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size18 MB
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