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________________ ऐतिहासिक घटनाओं से आरंभ होने वाले सम्वत् ६७ अपने मत प्रस्तुत किये तथा सर्वथा भिन्त तिथियां सम्वत् आरम्भ के लिए दीं। इसके साथ ही इन सिद्धान्तों की आलोचना भी दी गयी। सम्वत् के आरम्भ की निश्चित तिथि को जानने के लिए यह आवश्यक है कि उन अनेक विद्वानों के मतों को देखा जाये जो ५८ ई० पूर्व की निश्चित तिथि पर एक मत हैं तथा अपने विचार की पुष्टि में पर्याप्त साक्ष्य प्रस्तुत करते हैं। "विक्रम सम्वत् का आरम्भ कलियुग सम्वत् के ३०४४ वर्ष व्यतीत होने पर माना जाता है । जिससे इसका गत एक वर्ष कलियुग सम्वत् ३०४५ के बराबर होता है । इस सम्वत् में से ५७ या ५६ घटाने से ईस्वी सन् और १३५ घटाने से शक सम्वत् आता है ।"' इस प्रकार कलि, विक्रम तथा ईसाई सम्वतों के पारस्परिक मिलान से विक्रम सम्वत् के प्रारम्भ होने की तिथि प्राप्त हो सकती है : कलि सम्वत्-५०८८; विक्रम सम्वत्-२०४४.४५; ईसाई सम्वत्-१९८८ । इस प्रकार कलि सम्वत् (५०८८-२०४४ =)३०४४.४५ में विक्रम सम्वत् का आरम्भ तथा विक्रम सम्वत्, ईसाई सम्वत् (२०४५-१९८८=५७ ई० पूर्व) के ५७ ई० पूर्व से भारम्भ हुआ। विक्रम सम्वत् के आरम्भ की ५७ ई० पूर्व में आरम्भ की तिथि का समर्थन जिन विद्वानों ने किया है उनमें प्रमुख डॉ० त्रिवेद, सी० मोबल डफ, रघुनाथ सिंह, ओम प्रकाश,५ आदि हैं। साथ ही कलण्डर रिफोर्म कमेटी की रिपोर्ट जोकि विभिन्न विद्वानों द्वारा अनेक साहित्यिक, ऐतिहासिक, पुरातत्वीय तथा खगोलशास्त्रीय तथ्यों के विश्लेषण के माधार पर तैयार की गयी है, में भी विक्रम सम्वत् आरम्भ के लिये इसी तिथि को ग्रहण किया गया है। भारतीय इतिहास में विक्रम सम्वत् एक ऐसा सम्वत् है जिसे निश्चित रूप से भारतीय कहा जा सकता है जिसका प्रयोग विभिन्न समयों पर प्रशासनिक १. राय बहादुर पंडित गौरी शंकर ओझा, "भारतीय प्राचीन लिपिमाला", अजमेर, १९१८, पृ० १६६ । २. डी० एस० त्रिवेद, "इण्डियन क्रोनोलाजी", बम्बई, १९६३, १० ३१ । ३. सी० मोबल डफ०, "क्रोनोलॉजी ऑफ इण्डिया", प्रथम भाग, वाराणसी, १९७५, पृ० १८। ४. रघुनाथ सिंह, “ए डिक्शनरी ऑफ वर्ल्ड क्रोनोलॉजी", वोल्यूम-प्रथम, __ वाराणसी, १९७७, पृ० ३८१ । ५. ओम प्रकाश, "प्राचीन भारत का इतिहास", दिल्ली, १९६७, पृ० १६५ । ६. रिपोर्ट ऑफ द कलेण्डर रिफोर्म कमेटी, दिल्ली, १९५५, पृ० २५४ ।।
SR No.023417
Book TitleBharatiya Samvato Ka Itihas
Original Sutra AuthorN/A
AuthorAparna Sharma
PublisherS S Publishers
Publication Year1994
Total Pages270
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size18 MB
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