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वर्ष ईसाई संवत् में दिए गए हैं तथा विभिन्न पंचांगों के आधार पर संवतों के वर्तमान प्रचलित वर्ष दिए गए हैं, जो संवत् अब प्रचलन से वाहर है उनके अनुमानित वर्तमान वर्ष दिए गए है।
प्रस्तुत शोध प्रबन्ध का उद्देश्य भारतीय संदतों का विश्लेषणात्मक अध्ययन तथा गणना-पद्धति के विकास का अध्ययन करना है। भारतीय इतिहास में प्रच. लित हुए विभिन्न संवतों ने इतिहास को किस प्रकार प्रभावित किया तथा वर्त. मान सपय में भारतीय परिस्थितियों के अनुसार किस प्रकार की गणना-पद्धति व संवत् विकसित किया जाये जिससे कि वह भारत की राष्ट्रीय एकता में सहायक हो तथा इतिहास-लेखन व प्राचीन इतिहास के अध्ययन में सहायक हो सके-इन उद्देश्यों को लेकर यह शोध प्रबन्ध लिखा गया है। ___ मैं अपने इस शोधकार्य के लिए सर्वप्रथम पूज्य दादाजी श्री भगवत प्रसाद शर्मा को धन्यवाद देती हैं जिनकी प्रेरणा व आशीर्वाद से मैं यह शोधकार्य करने में समर्थ हुई। मैं डॉ० एस० के० शर्मा सहायक प्राध्यापक, पन्तनगर विश्वविद्यालय, श्रीमती शशी कान्ता, श्री अनिरुद्ध शर्मा, श्री राजीव शर्मा व श्री अजय शर्मा को धन्यवाद देती हूं, जिन्होंने विषय से संबंधित महत्वपूर्ण सामग्री प्राप्त करने, अनुवाद करने तथा शोध प्रबन्ध के टाइप कराने में मेरी महत्वपूर्ण सहायता की है। मैं डॉ० डी० एस० त्रिवेद, डॉ. वीरेन्द्र वर्मा, डॉ. सत्यसवा एवं डॉ० सत्यकेतु विद्यालंकार के प्रति अपना आभार व्यक्त करती हूं, जिनके द्वारा निर्देशित पुस्तकों व शोध-पत्रों से मुझे महत्त्वपूर्ण सामग्री उपलब्ध हुई तथा इनके स्वयं लिखित ग्रंथों व शोध-पत्रों से भी विभिन्न संवतों के संबंध में मुझे जानकारी मिली है। मैं अपने परिवार के उन सभी सदस्यों विशेषकर डॉ० बी० डी० शर्मा (मेरे श्वसुर) व श्रीमती राजबाला शर्मा के प्रति कृतज्ञ हं, जिन्होंने मेरे अनेक पारिवारिक दायित्वों को वहन कर मुझे शोध-कार्य के लिए समय प्रदान किया तथा उनके प्रेरणादायक उद्गारों ने मेरे उत्साह को बढ़ाया।
मैं तिलक पुस्तकालय मेरठ, आर० जी० कॉलिज पुस्तकालय मेरठ, मेरठ विश्वविद्यालय पुस्तकालय मेरठ, गवर्नमेंन्ट पुस्तकालय मेरठ, सेन्ट्रल संक्रेटेरियेट पुस्तकालय दिल्ली, दिल्ली विश्वविद्यालय पुस्तकालय दिल्ली, इण्डियन एग्रीकल्चर रिसर्च इन्स्टीट्यूट पुस्तकालय दिल्ली, पन्तनगर विश्वविद्यालय पुस्तकालय पन्तनगर, सेन्ट्रल आर्केलाजिकल लायब्ररी दिल्ली, राष्ट्रीय अभिलेखागार पुस्तकालय नई दिल्ली आदि पुस्तकालयों के कर्मचारी वर्ग को धन्यवाद देती हं, जिन्होंने विषय संबंधी महत्त्वपूर्ण सामग्री प्राप्त करने में मेरी सहायता की।