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________________ 200 शीलोपदेशमाला. रीते प्रजानुं पालन करतो एवो समुद्र विजय नामनो राजा ताराना समूहने विषे चंद्रनी पेठे राज्य करतो हतो. शंकरने पार्वतीनी पेठे तेने सात प्रकारना यंगना दानथी अतिप्रिय शिवादेवी नामनी राणी हती. sa कार्तिक वदी बारसनी रात्रीये चित्रा नक्षत्रमां ने कन्या रा शीने विषे चंद्रनो योग बते अपराजीत देवलोक थकी चवीने त्रण ज्ञानयी विभूषित शंखकुमारनो जीव १ हस्ति, २ वृषन, ३ सिंह, ४ लक्ष्मी देवी, ५ पुष्पनी माला, ६ चंद्र, ७ सूर्य, ध्वजा, एए कलस, १० पद्मसरोवर, ११ क्षीर समुद्र, १२ देवविमान, १३ रत्ननो राशि, १४ अग्निशिखा. ए चौदने सूचवता तां तेना उदरमां उत्पन्न थयो. ते वखते क्षणवार नारकी जीवोने सुख थयुं ने त्रण लोकमां प्रकाश थयो पढी शिवा देवी चौद स्वप्नने तथा पोताना मुखमां प्रवेश करता चंद्रने जोइ जागीग ने रोमांची आकूल व्याकुल थयेली ते शिवादेवीये स्वप्नानी वात समुद्र विजय राजाने कही. स्वप्ननी वात सांजली आनंद पामेला ते राजा क्रोष्टुकि नामना निमितियाने बोलावी स्वप्नानी वात पूछी. एवामां पुण्योच्चारण नामना साधु श्राव्या; तेथी तेमने पण राजाए स्वमानी बात कहीं. पी ते बन्ने जलाए राजाने स्वप्नानुं फल कह्युं के, हे देव ! या शिवादेवी तीर्थंकरनी श्रथवा चक्रवर्तीनी माता यशे अने तेने पूर्वना पुण्य योगे उत्तम स्वप्नना निमितथी महा पुण्यवान्, त्रण जगत्नुं रक्षण करवामां दिक्षित, श्रजयदर्शी, सर्वनो श्राधार, कुलमां उत्तम, श्रने लोकमां उत्कृष्ट एवो पुत्र यशे. " एवां तेमनां वचन सांजली यानंद पामेला ने जेमनो उदय वखणायेलो बे एवा ते राजा 66 राणी घणा मान ने धनथी सत्कार करेला साधु छाने निमित्तिक पोताने स्थानके गया. पी इंडे पोताना श्रासन कंपथी तीर्थंकरने गर्भमां श्रव्या जाणी ते बावीशमा तीर्थंकरने नमस्कार करीने स्तुतिकरी. वे ज्यारथी तीर्थंकर भगवान शिवादेवीना उदरमां श्राव्या, त्यारथी देशनो उदय थवा लाग्यो छाने समुद्र विजय राजाना जंडारमां लक्ष्मी वधवा मांडी. लक्ष्मीए धारण करेली चतुराइनी पेठे, उत्तम अर्थ - वाली कविनी वाणीनी पेठे छाने रत्ननी खाणनी पेठे शिवा देवीए गर्न धारण करो. प्रजुना प्रतापथी उत्पन्न थएला शुक्लध्यानथी होयनी ?
SR No.023404
Book TitleShilopadesh Mala
Original Sutra AuthorN/A
AuthorHarishankar Kalidas Shastri
PublisherJain Vidyashala
Publication Year1900
Total Pages456
LanguageSanskrit, Gujarati
ClassificationBook_Gujarati & Book_Devnagari
File Size15 MB
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