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________________ १०१ नेमिनाथना नवनवनी कथा. तेम प्रथम करतां शिवादेवीनुं शरीर कांश्क वधारे पीबुं थयु. शुज ग. जना प्रजावथी समुजविजय राजाए गुप्तिने मूकाववादि सर्व शिवा देवीना दहोला पूर्ण करूया. पड़ी राजाए पुंसवन विगेरे जे जे कर्म करवा श्छा करी ते ते कर्म से करेलांदीगं. तीर्थंकर जगवान माताना उदरमां वृद्धि पामता बता पण माता- उदर वृद्धि पाम्युं नहीं ए एक आश्चर्य हतुं. कडं जे के, म्होटा पुरुषने संपत्तिने विषे अथवा विपत्तिनेविषे विकार क्यांधीज होय. पडी श्रावण शुदी पांचमनी रात्रिये चित्रा नक्षत्रमा चंजनो योग ते अने लग्नमां सर्व श्रेष्ठ ग्रहो रह्ये ते शिवा देवीथी तीर्थकर नगवाननो जन्म थयो. श्रासन कंपवाथी उपन्न दिशा कुमारीकाउये प्रजुनी पासे श्रावी नगवानना जन्मने वखाणीने नमस्कार कस्यो. पड़ी केटलीएक कुमारीका संवर्त वायुथी सूतिकाना ग्रहने शुद्ध करी, जिनेश्वर जगवाननी पासे उती रही एटले बीजी कुमारीकाउँ, सुगंधी जलथी सूतिकाना ग्रहने बांटवा लागी. केटलीक शृंगारना अलंकार जालीने; केटलीक दर्पण कालीने; केटलीक वींऊणाने ग्रहण करीने; केटलीक चामर कालीने; केटलीक दीवी लेश्ने, एम सर्व कुमारीका जुदी जुदी सेवा करवा अने प्रजुना गुण गावा लागी. कोइएक कुमारिका जिने. श्वरना देला नालने पृथ्वीमांनांखी कपूर विगेरे सुगंधि पदार्थोथी खाडाने पुरी दीधो. केटलीक कुमारीकाउंये सूतिकागृहथी चारे दीशामा सिंहासनथी सुशोजित केलना मंडप कस्या. केटलीक कुमारीकाये जिनेश्वर जगवानने तथा शिवादेवीने मंगल स्नान करावी, चंदननुं विलेपन करी, वस्त्रालंकार विगेरे धारण करावी अने चंदन तथा जस्म विगेरेनी पोटली बांधीने “ दीर्घ श्रायुष्यवाला था.” एम आशीश थापी. पड़ी आसनकंपथी प्रजुना जन्मने जाणी सौधर्म देवलोकना इंजे त्यां श्रावी सूतिकाना घरने त्रण प्रदक्षिणा करी जिनेश्वर जगवानने तथा शिवादेवीने नमस्कार कस्यो. त्यार पनी शिवादेवीने अवस्थापिनी निजा मूकीने इंजे पांच रूप धारण कस्यां. एक रूपथी जिनेश्वर नगवानने बेहाथमां धारण कस्या. एक रूपथी जिनेश्वर जगवानने माथे छत्र धारण कह्यु. बे रूपथी बे चामर ग्रहण करी पवन नाखवा लाग्यो अने एक रूपथी वजने उबालतो श्रागल चाल्यो, एवीरीते इंजे जिनेश्वर जगवा
SR No.023404
Book TitleShilopadesh Mala
Original Sutra AuthorN/A
AuthorHarishankar Kalidas Shastri
PublisherJain Vidyashala
Publication Year1900
Total Pages456
LanguageSanskrit, Gujarati
ClassificationBook_Gujarati & Book_Devnagari
File Size15 MB
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