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अण-बुज्झण (३. १८.) जुज्झण (३. १८.) जणण (५. २११.)
क्रियापदमांथी नाम. अल्ल-नवल्ल (१. ४०) स्वार्थप्रत्यय आर-गरुयार (५. ३६.) लहुगार (५. १८३.) उच्चार २ ९२
स्वार्थ प्रत्यय. आल-सोहाल (५. १५) भुक्खाल (३ १८.) नाममाथी विशेषण. आवण-भयावण (४. २६४.) विशेषण. इक्क-तिडिक (९. १२.), पाइक्क (५. २४६.). इर-विवरेर (२. १२.) (स्वार्थ प्रत्यय) नमिर (३. १५५.) पसाहिर
(५. १६३) भमिर (६. ८४.) क्रियापदमांथी विशेषण. इल्ल-सोहिल्ल (१. ४७.) कडिल्ल (६. २४९.) खडिल्ल (७. १३६)
पहिल्ल (२. ७२.) कुंभिल्ल (१. २८.) नामाथी विशेषण. ईल-समील (६. ४३.) स्वार्थप्रत्यय. उण-अज्जोणिय (=अद्यतन ३. ११४.) कल्लोणिय (=कल्यतन
३. ११०) उल्ल मडउल्ल (५. ६४.) कडउल्ल (१. ५२.) अहरुल्ल (२. ११.)
सुणहुल्ल (४. २२९.) हियउल्ल (५.२३८.) स्वार्थप्रत्यय. एर-जणेरी (जननी २. २९) क-गुरुक्क (७. ३२.) स्वार्थप्रत्यय. क्ख-नोक्ख (३. १८४.) स्वार्थप्रत्यय, ड, डिय [स्त्री.]-अवक्खडी (७. ७२.) जालडिय (२. १११.)
दिवहडा (५. १३३.) धादडिय (२. ११२.) हियवड (७.
७९.) स्वार्थप्रत्यय. त्त-थिरत्त (४. १९८.) वुड्ढत्त (१. १३१.) भाववाचक नाम. त्तण-नीयत्तण (५.१००.) खलत्तण (५.१९६.) सुहित्तण (५.१९६.) ल, लिय-अंधल ( ५. ४८.) असमल ( १३. २०.) एक्कलिय
(१४. ३) जमल (३. २७.) नग्गल (१३. ९.) विज्जुल (२. १२४.) स्वार्थप्रत्यय.