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पंचमी [पय]
चतुर्थी - षष्ठी [पु.] यहो ( ४. १७४.) [स्त्री.] [हे]
बप्तमी [पु.] पहs (६.४५.)
[पु.] [ एयहं ] [स्त्री.] [पयाहिं]
[पु.] [पयाहं]
[त्री.] [एयाहिं]
[पु] [ यहि ] [स्त्री.] [पयाहिं]
६५९, आअ, अ=इदम्
• सर्वनामनां थोडांक रूप प्रस्तुत प्रन्थमां तृतीया आएं (४. १७१.) ; षष्ठी - आयहो ( ३. ३६.) - अनेकवचन आयहं [पु.] ( आयइं (१. २१० ).
६ ६०. स्ववाचक सर्वनाम अप्पण, अप्प < सं. आत्मन् मांधी बने छे; अने तेमां रूप अकारान्त नामना जेवां थाय छे.
वपरायलां छे. दा. त. [पु.] ( २. ३०); आयहे [स्त्री.] १०. ); द्वितीया अनेकवचन [न. ]
बीजां सर्वनाम जेवां के सव्व, अण्ण, एक्क इ०नां रूप सामान्यतः ज (यक्ष्) अने त ( तद् ) ना जेवां ज थाय छे.
$ ६१. सर्वनाममांथी बनतां विशेषणो अने अव्ययोना प्रकारो नीचे प्रमाणे छे. [१] परिमाणवाचक विशेषणः
(अ) एत्तिउ (१.१०७), तेत्तिउ, जेत्तिउ, केन्तिउ ( ३.१०८ . ) (आ) एत्तडउ (१. १०७ ) तेत्तडउ, जेत्तडउ, केत्तर (३. १२९.)
२१४)
(इ) एवडउ (= एवड्डु २. १३१.) तेडवउ (= तेवड्डु ५. जेवडर, केवडर (सि. हे. ८. ४. ४०७ ) (ई) पत्तुल, तेत्तुल, जेल, केत्तुल (सि. हे. ८. ४. ४०७.) [२.] गुणवाचक विशेषणः --
(अ) अइसउ (१२. १३.) तइसउ, जइसउ ( १०. ९. ) कइसउ (१७. ९.)
(आ) एहउ (५. १४९.) तेहउ, (७.२६.) जेहउ (५.९४.) हर (५. ९४.)
(इ) एरिस (४. २६८), अम्हारिस (४.१९९.) तुम्हा रिस (३.१२.)