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६ ५७. प्रश्नार्थ अने अनिश्चित सर्वनामःएकवचन
अनेकवचन प्रथमा- [पु.] को (२. १३.) कु (७. ६९.) [पु.] के (१. ५४.) द्वितीया. [स्त्री का (१.६६.) क (५. ११) [स्त्री.] कायउ(९.१८)[काउ
[न.] किं (१. ९५.) [न.] काइं (५. २६८.) तृतीया. [पु.] केण (१.११६.) कई (११.२१.) [पु.] केहिं (४. २२५.)
[स्त्री.] काइं (२. ११) [काए] [स्त्री.] केहि(४.२३४.)[काहि] पंचमी. [3] कउ (४. १९७.) [कहे] [पु.] [कहु] [स्त्री.] | काहे]
[स्त्री.] काहिं] चतुर्थी-षष्ठी. [पु.] कहो (३.९२.) कहु (४.१५९.) [पु.] काहं-ह (४. १९३.)
कस्स (६. ९५.) कासु (५. ९८.) । [स्त्री.] काहिं (५. १४.) काहि (५.१५.) [स्त्री.] काहि (४. २९३) सप्तमी [पु.] कहि (३.१७२.) कहिं (६.२८.) [पु.] [कहिं] स्त्री.] [काहि
[स्त्री.] [काहि (क) अनिश्चित सर्वनाम पि, वि, मि, इ (सं. अपि, चि <सं. चित् लगाडवाथी बने छे. दा. त. १. ६६ १.५७.;७.११; ६. २६-२८. इ.
(ख) किं अने काई (५. २६८.) अव्यय तरीके पण वपराय छे.
(ग) कवण (गू. कोण) प्रश्नार्थ सर्वनाम तरीके वपराय छे. दा. त. कवणु (३. ११०) कवण [स्त्री.] (२. १२२.) इ. ६५८. 'ए, एम (सं. एतद् एह <सं. एषः ।' नां रूप:एकवचन
अनेकवचन प्रथमा- [पु.] एउ (१.१३३.) इउ (२.१६९.) [पु.] एहा द्वितीया पहु (२.१२६.) एहउ (५.१४९.) [स्त्री.] [एहीर]
__ एह (२.८९.) एउ (२. १७८.) [न.] [एहइं, एयइं, [स्त्री.] पहो (३. ९०.)
एहाई, एयाइं] तृतीया [पु.] एण (१. ११५.)
[पु.] [एहि, एएहिं, एएँ (५. १९४.) एँ (११. १४.) एणहिं] एमा (इ. १२. [स्त्री.] [पयाहि]