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________________ प्रार्थना करी " हुं पापी होउं तो मने बाळजे.” कुलकल थयो; अग्नि लगा. डतो तो मोटी ज्वाला ऊठी अने बधाए हाहाकार कयों. (११) बधा योद्धाओए धाह मूकी; अने तेओ रामना पर फीटकार वरसाववा लाग्या. (१२) ज्वालाओ नीकळवा मांडी अने जगत् धूमाडाना अंधकारथी व्याप्त थइ गयु; परन्तु सीता पोताना सतीत्वने लीधे डगी नहि. तेणे अग्निने पोते पापी होय तो बाळवा अरज करी; आटलं धैर्य कोर्नु होय ? अग्नि शीतल बनी गयो; अने पोतानी सत्ता बतावी शक्यो नहि. आ अवसरे मनमां संतोष पामेलो अग्नि सुरजनोने कहेवा लाग्यो, “ सतीत्वनो प्रभाव जुओ! अग्नि पण सीताने बाळी शकतो नथी! " (१३) एटलामा चिताने स्थाने महासरोवर बनी गयुः अने तेमां कमळ ऊग्यु. वेना पर दिव्य आसन उत्पन्न थयु. सुरवधूओए तेना पर सीताने बेसाडी. देवोए दुंदुभिनाद कर्या अने पुष्पवृष्टि करी. बधा जनोए जयजयकार कर्या. (१४) जाणे लक्ष्मीना अभिषेक समये सर्वे दिग्गजो मळ्या होय तेम सर्वे देवो अने योद्धाओ त्यां मळ्या. (१५) राम बोल्या, “खराबजनोना स्वच्छंदी बोलथी में तने त्यजी; मने क्षमा आप; अने नि:सापन्त्य राज्य कर.” (१६) सीताए जवाब वाळ्यो, " राम तमे शोक न करशो; में तमारा प्रसादे बहु भोग भोगव्या छे. हवे मने संसार पर आसक्ति रही नथी. हुं तो तप करीश." (१७) एम बोली सीताए पोतानो केशपाश ऊपाडी नांख्यो. भा जोई राम मूर्छा पामी गया. देवो सीताने ऋषिना आश्रममा लई गया. सत्यभूषण नामे मुनि पासे तेणे दीक्षा लीधी. एटलामां राम मच्छीमांधी जाग्या अने जोयु तो जनकतनया त्यां दीठी नहि. (१८) 'सीता क्यां' एम बोलता बोलता राम चारे दिशामां जोवा लाग्या. एटलामा कोइए विनयपूर्वक का. " पेला उपवनमां देवो सीताने लई गया छे; अने तेमणे दीक्षा लीधी छे." आ सांभरी रामने क्रोध चज्यो. राम उपवनमां गया. मुनिने जोता ज तेमने ज्ञान उत्पन्न थयु. रामे मुनिने नमस्कार कर्या. (१९) बीजा राजाओए पण मुनिने नमस्कार कर्या. रामे मुनिने धमोपदेश करवा कपु. मुनिए शास्त्रानुसार उपदेश कयों. (२०) ३. पद्यरचनाः ध्रुवपद अने घत्तामा १४+१३२७ मात्रा. हेमचन्द्र छं. शा. पु.४२(4) . नी छेवटनी बे पंक्तिमा आ छंद- विवेचन कर्यु छे. छ. शा. नुं दृष्टान्तः पलिस केस बल दसणावलि जर जज्जरइ सरीरबलु
SR No.023391
Book TitleApbhramsa Pathavali
Original Sutra AuthorN/A
AuthorMadhusudan Chimanlal Modi
PublisherGujarat Varnacular Society
Publication Year1935
Total Pages386
LanguageApbhramsa
ClassificationBook_Devnagari
File Size21 MB
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