________________
.
.
प्राकृत व्याकरण विशेष-उक्त नियम में विस के स्त्रीलिङ्ग रूप विसिनी का
उल्लेख हुआ है। अतः विसं (विसम् ) में यह
नियम लागू नहीं हुआ। (१४) पद के आदि य का जक आदेश होता है । जैसेःजसो ( यशः); जमो ( यमः ); जाइ ( याति) विशेष—(क) पद के आदि में न होने के कारण अव
अवो (अवयवः) में नियम नहीं लगा। (ख) उपसर्गयुक्त हो जाने पर अनादि य का भी ज अादेश होता है । जैसेः-संजमो (संयमः); संजोत्रो (संयोगः ); अवजसो (अपयशः)। (ग) कल्पलतिका के मत से सामान्यतः उत्तर - पदस्थ य का भी ज आदेश होता है। जैसेः
गाढ-जोवणा (गाढयौवना); अजोग्गो (अयोग्यः) (घ) कभी-कभी आदि य का लोप भी हो जाता
है। जैसे:-अहाजाअं ( यथाजातम् ) (१५) तीय एवं कृत् प्रत्ययों के यकार के स्थान में द्विरुक्त ज (ज) आदेश विकल्प से होता है । जैसे:प्राकृत
संस्कृत दीजी, दीओ
द्वितीयः करणिज्ज, करणी
करणीयम् रमणिज्जं, रमणी
रमणीयम् पेजं, पेअं * मागधी में य का ज आदेश नहीं होता है।
पेयम्