________________
वस्तुपाल-तेजपाल
तेरहवीं सदी की बात है । जब कि गुजरात में सोलंकी राजाओं की शक्ति निर्बल पड़ गई थी और राजा वीरधवल की सत्ता बढ़ने लगी थी।
वीरधवल के एक मंत्री, आशराज नामक श्रावक थे। वे, मुंहालक ग्राम में रहते थे। उनके कुमारदेवी नाम की एक गुणवती-स्त्री थी। इस स्त्री से उनके तीन-पुत्र और सातकन्याएँ हुई। लड़कों के नाम थे-मल्लदेव, वस्तुपाल तथा तेजपाल । लड़कियों के नाम जल्दु, माउ, साउ, धनदेवी, सोहगा, वयजू और पद्मा थे।
आशराज ने अपने सभी पुत्रों तथा पुत्रियों को अच्छी वरह पढ़ाया-लिखाया । इनमें वस्तुपाल तथा तेजपाल सब से तेज निकले । इन दोनों को विद्या पर अथाह-प्रेम, कला से