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विमलशाह पाठको ! जीवन में एक बार तो आप भी इस अद्भुत-मन्दिर के दर्शन अवश्य कीजिये।
विमल-मंत्री ने, संसार की यह सुन्दर-वस्तु तयार करके संघ को सौंपी और उसके खर्च के लिये कई ग्राम जागीर में दिये । इसके बाद, वे चन्द्रावती वापस लौट आये। यहाँ, कई वर्षों के बाद वे काल-धर्म को प्राप्त हुए।
धन्य है वीर विमलशाह को, जिन्होंने अपने बाहुबल से उन्नति प्राप्त की और संसार को एक अमूल्य तथा अतीद्वियवस्तु की भेंट दी।
शिवमस्तु सर्व जगतः