SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 308
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ विमलशाह गुजरात के प्रथम राजा वनराज हुए हैं, जिन के सेनापति लाहिर नामक एक श्रावक थे। वे बड़े प्रतापी और बहादुर थे । उनकी नस-नस में क्षत्रिय का रक्त बहता था। उनके, वीर नामक एक पुत्र हुआ। वह भी बड़ा साहसी और शूरवीर तथा धर्म पर बड़ा प्रेम रखनेवाला था । इस लड़के का विवाह वीरमती नामक एक कन्या से हुआ। इसी वीरमती के उदर से एक लड़का पैदा हुआ, जिसका नाम रखा गया-विमल । विमल, बत्तीस-लक्षणों से युक्त बालक था। वह दूज के चन्द्रमा की तरह दिन-दिन बढ़ता ही जाता था । जब वह पाँच-वर्ष का होगया, तो पिता ने उसे पाठशाला में पढ़ने को भेजा । वहाँ थोड़े ही दिनों में वह खूब पढ़-लिखकर अपने
SR No.023378
Book TitleHindi Granthavali
Original Sutra AuthorN/A
AuthorDhirajlal Tokarshi Shah, Bhajamishankar Dikshit
PublisherJyoti Karayalay
Publication Year1932
Total Pages398
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size17 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy