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पेथड़कुमार
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नीमाड़ प्रदेश के नांदूरी नामक ग्राम में पेथड़कुमार नामक एक श्रावक रहते थे । इनके पिता देदाशाह बड़े मालदार थे । किन्तु ज्यों ही उनकी मृत्यु हुई, त्यों ही सब धन धीरे-धीरे नष्ट हो गया, जिससे पेथड़कुमार बड़ी बुरी दशा में आ पड़े। इस समय उन्हें न तो पेट भरकर भोजन ही मिलता था और न पहनने को ठीक कपड़े हो । ज्यों-त्यों करके वे अपना गुजर करते थे । इनके पद्मिनी नामक एक स्त्री थी, और झांझण नामक एक पुत्र । तीनों मनुष्य बड़े भले और धर्म के बड़े प्रेमी थे
एक बार ग्राम में कोई विद्वान - मुनिराज पधारे, अतः