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श्रीपाल
नवपदजी, सब का कल्याण करें। उनकी आराधना का जैसा फल श्रीपाल तथा मैनासुन्दरी को मिला, वैसा ही सब को प्राप्त हो।
अंगदेश में, चम्पा नामक एक नगरी थी । उसमें सिंहस्थ नामक एक राजा राज्य करते थे, जिनकी रानी का नाम था-कमलमभा। इनके बड़ी अघस्था में एक कुमार पैदा हुआ, जिसका नाम रखा गया-श्रीपाल ।
श्रीपाल जब छोटा-सा था, तभी राजा की मृत्यु होगई । रानी बहुत शोक करने लगीं, किन्तु प्रधान ने उन्हें धीरज दिया और बाल-राजा की दुहाई चारों तरफ फिरवा दी। किन्तु श्रीपाल का काका अजीतसेन बड़ा चालाक था, अतः उसने षडयन्त्र रचकर सेना को अपनी बरफ फोड़ लिया। अधिकारियों को भी अपनी तरफ मिला लिया और रानी तथा कुमार का वध कर डालना निश्चित किया।