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आयुष्य पूरा होने पर, महासती-चन्दनवाला निर्वाणपद को प्राप्त होगइ । उनके शील, तप और त्याग को धन्य है ?
उनके गुणों का, जितना भी वर्णन किया जाय, कम है। प्रत्येक बहिन का कर्तव्य है कि वह चन्दनबाला के जीवन को समझे तथा उनका अनुकरण करते हुए, उन्हीं की तरह अपनी आत्मा का कल्याण करे।
॥ शिवमस्तु सर्वजगतः ॥
जैन ज्योति जैन जनताका प्रथम सचित्र कलात्मक मासिक
तंत्री : धीरजलाल टोकरशी शाह वार्षिक मूल्य रू. २-८-०] [एक अंक ०-४-०