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श्री पार्श्वनाथ की पाँच फणों से युक्त प्रतिमा, द्राविड़, वारिखिल्लजी, अइमुत्ता एवं नारदजी की प्रतिमाएँ, द्राविड-वारिखिल्लजी, अइमुत्तामुनि, नारदजी, हीराबाई का कुण्ड, राम-भरत-थावच्चापुत्र-शुक्राचार्य व शैलाकाचार्य की ५ मूर्तियाँ, राम-भरत, थावच्चापुत्र, शुक्राचार्य, शैलकाचार्य, भूखणदास का कुण्ड, श्री आदीश्वर की चरण पादुकाएँ, सुकोशल मुनि की चरण पादुकाएँ, नमि-विनमि की चरण पादुकाएँ, हनुमान धारा-छट्ठा विश्राम, श्री आदीश्वर की चरण पादुकाएँ, हनुमान धारा से दो रास्ते, जाली, मयाली एवं उवयाली, रामपोल-सातवाँ विश्राम, रामपोल में प्रवेश, पाँच शिखर युक्त जिनालय, श्री मोतीशा सेठ की ट्रॅक, कुन्तासर कुंड, सगाल पोल, नोंघणकुण्ड, कार्यालय, दोलाखाडी, वाघण पोल, शिलालेख, विमलवसहीदादाजी की ट्रॅक, श्री शान्तिनाथजी का जिनालय, श्री चक्केसरी देवी, जिनालयों की श्रेणियाँ, बायी ओर की श्रेणी, नेमि चौरी, नेमि चौरी के ऊपर का दृश्य, २ पुण्य-पाप की खिड़की, कुमारपाल महाराजा का मंदिर, सूरज कुण्ड, दाहिनी ओर की जिनालय श्रेणी, कवडयक्ष, आचार्य धनेश्वर सूरीश्वरजी म.सा., कपडवंज का जिनालय, वीर विक्रमशी का बलिदान, हाथीपोल, रतनपोल, आदीश्वर दादा का दरबार, दादा के मन्दिर का विशाल शिखर, प्रथम प्रदक्षिणा, सहस्रकूट, १४५२ गणधरों की पादुकाएँ, सीमंधर स्वामी, अंबिका देवी, पू. आचार्य देव श्री विजयानंद सूरीश्वरजी म.सा., नवीन आदीश्वरजी, समराशा सजोडे, सम्मेतशिखरजी तीर्थ, पाँच भाईयों का जिनालय, श्याम नेमिनाथ प्रभु, श्री अष्टापदजी तीर्थ, प.पू.आ. हीरविजय सूरीश्वरजी म.सा., रायण वृक्ष, रायण चरण पादुकाएँ, सर्प-मोर, सिंहहाथी, नमि-विनमि, भरत बाहुबली, विजयसेठ-विजया सेठानी, चौदह रत्नों का जिनालय, चमत्कारी सुपार्श्वनाथ भगवान, नई ट्रॅक, नई ट्रॅक में पुंडरिक स्वामी, गंधारिया चौमुखजी, गणधर पुण्डरिक स्वामी का मन्दिर, दादाजी का विशाल जिनालय, नौ ट्रॅक, नौ ट्रॅकों की भावयात्रा, दूसरी
शत्रुञ्जय तीर्थ