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प्रथमपरिछेद. करूं ॥ ॥ एम कही त्रण नवकार गणवा॥ पठी बे घमी सजायधर्मध्यानकरतिाए॥
॥ अथ सामायिक पारवानो विधि॥ ॥खमासमण दे॥रियावदिपमिकमवाथी यावत्लोगस्स सुधी कही। खमा० ॥बा०॥ मुहपत्ती पडीलेडं एम कहीमुदपत्ती पमिलेही, खमासमण देश॥बा० ॥ सामायिक पारुं ॥ यथाशक्ति ॥ वली खमा0 श्बा ॥ सामायिक पास्युं तदत्ति।कही पी जमणो हाथ चरवला नपर अथवा कटासणानपर थापी एक नवका र गण। “सामाश्यवयजुत्तो” कहियें ॥ परी जमणो हाथ थापना सामो सवलो राखीने ए क नवकार गणी उठवू ॥इति सामायिक पार वानो विधि समाप्त ॥ ए॥
॥अथ पाञ्चरकाण परवानो विधि ॥ ॥ प्रथम “रियाव दियाए” पडिकमी याव त् “जगचिंतामणि” नुं चैत्यवंदन “जयवीय राय” सुधी करवू ॥ पी “मन्दजिणाणं” नीस जाय कदी मुहपत्ति पडिलेहवी ॥ पठी खमास मण देश् श्वाकारेण संदिसह नगवन् पच्च