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संस्कृत भाषा के आधुनिक जैन ग्रंथकार : ५
श्री पार्श्वनाथ विद्यापीठ, बनारस के पुस्तकालय मे अनेक-अनेक पुस्तकों के अवलोकन और अभ्यास करने के बाद हम यह निबंध लिख पाए हैं।
लेखन कार्य में डॉ. सुदर्शनलाल जैन, डॉ. श्रीप्रकाश पाण्डेय, डॉ. अशोक कुमार सिंह और विशेषत: श्री ओमप्रकाश सिंह का हार्दिक सहयोग हमें मिला है। डॉ. भागचंदजी जैन (नागपुर), डॉ. कमलेश कुमार जैन, डॉ. सुधा जैन का सहयोग श्लाघ्य रहा है।
श्वेतांबर मूर्तिपूजक परंपरा के आचार्यश्री शीलचन्द्रसूरिजी, आचार्यश्री मुनिचन्द्रसूरिजी का मार्गदर्शन अविस्मरणीय है। चौखम्भा प्रकाशन के श्री सुरेन्द्र कुमार गुप्त का आदरभाव हम नहीं भूल सकते हैं।
११.१२.२०११
देवर्धि