SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 37
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ १०. छन्दः साहित्य पद्य रचना के विविध प्रकार का परिचय छन्दः साहित्य से होता है। श्वेतांबर मूर्तिपूजक परंपरा में श्री हेमचन्द्रसूरिजी म. आदि ग्रंथकारों ने छन्दः साहित्य की रचना की है। अर्वाचीन ग्रंथकारों ने छन्दः साहित्य की रचना की है। श्वेतांबर मूर्तिपूजक परंपरा १. प्राचीन ग्रंथ पर टीका १. श्री लावण्यसूरिजी म. छन्दोऽनुशासन टीका २. नूतन ग्रंथ रचना १. श्री जिनेन्द्रसूरिजी म. छन्दोऽमृतरसः दिगंबर परंपरा संभवत: नवरचना नहीं हुई है। स्थानकवासी परंपरा १. श्री घासीलालजी म. वृत्तबोधः ___ तेरापंथी परंपरा संभवतः नवरचना नहीं हुई है। (अर्वाचीन ग्रंथकारों के द्वारा विरचित छन्दःसाहित्य के ग्रंथों की संख्या ३ के आस-पास है।)
SR No.023271
Book TitleSanskrit Bhasha Ke Adhunik Jain Granthkar
Original Sutra AuthorN/A
AuthorDevardhi Jain
PublisherChaukhambha Prakashan
Publication Year2013
Total Pages68
LanguageHindi
ClassificationDictionary
File Size5 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy