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११. श्री अभयशेखरसूरिजी म.
१. सप्तभंगीविंशिका ३. निक्षेपविंशिका
३५. नयविशिंका
संस्कृत भाषा के आधुनिक जैन ग्रंथकार : ३३
१. दरबारीलालजी पंडित
२. चैनसुखदास न्यायतीर्थ
३. मूलचंद्र शास्त्री
२. सप्तभंगीविंशिका टीका ४. निक्षेपविंशिका - टीका
3 स. भा. आ. जे.ए.
... ६. नयविशिंका- टीका
दिगंबर परंपरा
न्यायदीपिकाटिप्पणम्
जैनदर्शनसारः
न्यायरत्नम्
स्थानकवासी परंपरा
दार्शनिक साहित्य रचना संभवत: नही हुई है।
तेरापंथी परंपरा
१. श्री तुलसीजी म.
२. श्री नत्थमलमुनि ( बागौर)
१. युक्तिवादः
२. अन्योपदेशः
३. श्री कानमलजी म.
तुलसीन्यायप्रवेशिका
(अर्वाचीन ग्रंथकारों ने दार्शनिक साहित्य के जो ग्रंथ लिखे उसकी संख्या ७० के आस-पास है। हिंदी-गुजराती- अंग्रेजी में लिखे गये दार्शनिक ग्रंथों की संख्या विशाल है।)
भिक्षुन्यायकर्णिका