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________________ १२२ जैन कथा कोष ६६. मजसुकुमार एक बार प्रत्यक्ष देवलोक जैसी 'द्वारिका' नगरी में भगवान अरिष्टनेमि पधारे। उनके साथ विशाल साधु समुदाय था । उन साधुओं में छः साधुओं का एक समूह दो-दो की टुकड़ी में भिक्षा के लिए नगर में आया। दो साधुओं का एक युगल महारानी 'देवकी' के महल में भिक्षार्थ पहुँचा । 'देवकी' मुनि युगल को देखकर पुलकित हो उठी। श्रीकृष्ण के प्रातराश करने के केसरिया मोदक रखे थे। उनमें से कुछ मोदक मुनि को दे दिये। वे गये, इतने में दूसरा युगल आया । वे मुनि भी मोदक लेकर गये, इतने में तीसरा युगल आया । देवकी ने उन्हें भी मोदक दिये, पर कौतुहल के साथ-साथ कुछ विषाद की रेखा मन में उभरी। विषाद को मन ही मन में समेटे देवकी ने मुनि-युगल से प्रश्न किया"मुनिवर ! इतनी विशाल नगरी में आपको अन्यत्र शुद्ध आहार की उपलब्धि न हो सकी। इसलिए आपने तीसरी बार मेरे घर पधारने की कृपा की। कहा जाता है, राजा जैसी प्रजा होती है । श्रीकृष्ण कहीं धार्मिक कार्यों से अनपेक्ष तो नहीं हो गये हैं, जिससे नगर - जनों की भावना भी घट गई हो । साधु-संतों को पूरा आहार भी न मिलता हो?" देवकी की मनोभावना समझने में मुनि-युगल को देर नहीं लगी। संशय का निवारण करते हुए मुनि बोले - " महारानीजी ! हम तीसरी बार महलों में नहीं आये हैं, अपितु हम एक-जैसे छः भाई हैं। संभवतः वे चारों यहाँ आये होंगे। सुनो, हम 'भद्दिलपुर' के रहने वाले नाग गाथापति की धर्मपत्नी 'सुलसा' के पुत्र हैं । छः सहोदर भाई हैं । बत्तीस-बत्तीस पत्नियों को छोड़कर संयमी बने हैं, बेले- बेले की तपस्या करते हैं और आज साथ ही पारणा का दिन है, इसलिए वे आये होंगे। " मुनिवर भिक्षा लेकर चले गये । देवकी शोकाकुल हो उठी। सोचा'अतिमुक्तक' मुनि ने मुझसे कहा था- - तेरे आठ पुत्र होंगे। तू नल- कूबर के समान स्वरूपवान पुत्रों को जन्म देगी। तेरे जैसे पुत्र भरतक्षेत्र में किसी के भी न होंगे। ये छ: तो 'सुलसा' के हैं। मेरे भी छः पुत्र तो हुए थे, पर सारे-केसारे मृत थे। मुनि का कहा हुआ असत्य कैसे हुआ ? यों शंकाओं में बुरी तरह से घिरी हुई देवकी प्रभु के दर्शनार्थ गई। भगवान ने देवकी की शंकाओं को मिटाते हुए सारी स्थिति स्पष्ट करते हुए कहा— "
SR No.023270
Book TitleJain Katha Kosh
Original Sutra AuthorN/A
AuthorChatramalla Muni
PublisherAdarsh Sahitya Sangh prakashan
Publication Year2010
Total Pages414
LanguageHindi
ClassificationDictionary
File Size28 MB
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