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________________ जिसने करोड़ों वर्षों तक तप किया हो, किन्तु अन्त समय में यदि सल्लेखना न ले, तो उसका तप प्रशंसा योग्य नहीं होता है। इसलिए जितनी शक्ति हो, उसके अनुसार सल्लेखना लेने का प्रयास करना चाहिए। सल्लेखना ग्रहण करने के पूर्व मोह, माया और परिग्रह का त्याग करके सबके प्रति क्षमा भाव ग्रहण करना चाहिए। स्वयं सबको क्षमा दो, सबसे क्षमा माँगकर कृत, कारित और अनुमोदना से सभी जीवों के प्रति क्षमाभाव धारण करना चाहिए। पूर्व में जो अपराध किया हो अथवा दूसरों से कराया हो, उस अपराध को निष्कपट होकर वीतरागी गुरु से कहकर आलोचना करना चाहिए। मरणपर्यन्त महाव्रतों को ग्रहण करना चाहिए। समाधि के समय दुख, चिन्ता, भय, क्रोध और वैर आदि भावों को छोड़कर उत्साह के साथ शास्त्र-ज्ञान के द्वारा मन को प्रसन्न करना चाहिए। जो श्रावक समाधिमरण करना चाहता है, वह क्रम से आहार को छोड़कर सिर्फ दूध ले, फिर दूध को भी त्याग कर छाछ ले, धीरे-धीरे छाछ को भी त्यागकर गर्म जल ले, फिर गर्म जल को भी छोड़कर शक्ति अनुसार उपवास धारण करे। पंचनमस्कार मंत्र का जाप करते हुए शरीर का त्याग करना चाहिए। इस विधि से समाधिमरण करना चाहिए। अधिक जीने की इच्छा, शीघ्र मरने की इच्छा, भय, परिवार की याद एवं भोगों की इच्छा रखना सल्लेखना व्रत के पाँच अतिचार हैं। श्रावक को सल्लेखना लेने के बाद भोगों की इच्छा नहीं रखना चाहिए। जो प्राणी रत्नत्रय धर्म के साथ सल्लेखना ग्रहण करता है, उसे धन, सम्पदा, ऐश्वर्य और सुख प्राप्त होता है। वह निश्चित ही मोक्ष प्राप्त करता है। 7. प्रतिमा अधिकार तीर्थंकरों ने श्रावक धर्म के ग्यारह स्थान बताये हैं, जिन्हें 'ग्यारह प्रतिमा' के नाम से भी जाना जाता है। श्रावक एक-एक प्रतिमा लेता है, पहली प्रतिमा के व्रतनियम का पालन करते हुए दूसरी प्रतिमा लेता है। व्रत और नियमों को आगे बढ़ाते हुए प्रत्येक प्रतिमा के साथ ही आगे बढ़ता जाता है। इस प्रकार वह क्रमशः ग्यारह प्रतिमाएँ धारण कर सकता है। 1. जो श्रावक सम्यग्दर्शन से शुद्ध है, संसार, शरीर और भोगों से विरक्त है, पंचपरमेष्ठी की शरण में है, सातों तत्त्वों का श्रद्धान करनेवाला है, वह 'दर्शन रत्नकरण्ड श्रावकाचार :: 121
SR No.023269
Book TitlePramukh Jain Grantho Ka Parichay
Original Sutra AuthorN/A
AuthorVeersagar Jain
PublisherBharatiya Gyanpith
Publication Year2017
Total Pages284
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size18 MB
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