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बड़ागांव धसान (फलहोड़ी) बड़ागांव धसान ग्राम स्थित यह अतिशय क्षेत्र कस्बे के बीचोंबीच एक सुंदर पहाड़ी पर स्थित है। टीकमगढ़ से इस क्षेत्र की दूरी लगभग 30 किलोमीटर है। यह तीर्थ-क्षेत्र टीकमगढ़-सागर मार्ग पर स्थित है। यहां निम्नांकित जिनालय हैं
___ 1. पद्मप्रभु जिनालय : पद्मासन 1.5 फीट अवगाहना की श्वेत संगमरमर से निर्मित प्रतिमा इस जिनालय में विराजमान है।
2. वर्धमान जिनालय-2 फीटः अवगाहना की भगवान महावीर स्वामी की धवल पद्मासन प्रतिमा इस वेदिका पर मूलनायक के रूप में विराजमान है। 50 से अधिक अन्य धातु की व अन्य जिन-प्रतिमायें भी वेदिका पर विराजमान है।
3. चन्द्रप्रभु जिनालय : इस जिनालय में 1.25 फीट अवगाहना की धातु से निर्मित भगवान चन्द्रप्रभु की पद्मासन प्रतिमा विराजमान है।
4. वर्धमान जिनालय : भगवान महावीर स्वामी की पद्मासन प्रतिमा इस जिनालय में स्थापित है।
5. पार्श्वनाथ जिनालय : भगवान पार्श्वनाथ की भव्य व आकर्षक श्यामवर्ण की 2.56 फीट अवगाहना की पद्मासन प्रतिमा इस वेदिका पर विराजमान है।
6. त्रिमूर्ति जिनालय : इस जिनालय में भगवान आदिनाथ की 5 फीट अवगाहना की एवं भरत तथा बाहुवली की 4 फीट अवगाहना की कायोत्सर्ग मुद्रा में धवल प्रतिमायें प्रतिष्ठित हैं।
7. नेमिनाथ जिनालय : भगवान नेमिनाथ की पद्मासन प्रतिमा जो वेदिका के मूलनायक हैं। वेदी पर अन्य 50 से अधिक प्रतिमायें भी इस जिनालय में विराजमान है।
8. भगवान आदिनाथ जिनालय : लगभग 5 फीट ऊँचे विशाल कमलासन पर विराजमान भगवान आदिनाथ की अतिमनोज्ञ 16.5 फीट अवगाहना वाली अतिभव्य व मनोहारी प्रतिमा जो पद्मासन में है, इस वेदिका पर विराजमान है। इसी के सामने चौबीसी का निर्माण कार्य चल रहा है।
9. इस जिनालय के नीचे किन्तु पीछे की ओर एक गुफा में चरण-चिन्ह स्थित हैं। जिससे यह सिद्ध होता है कि यह तीर्थ-क्षेत्र कभी मुनियों की तपस्थली रहा है।
32 - मध्य-भारत के जैन तीर्थ