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पहले यहाँ इस जिनालय में भगवान शान्तिनाथ, कुंथुनाथ, अहरनाथ की भव्य खड्गासन प्रतिमायें ही इस जिनालय में प्रतिष्ठित थीं । किन्तु वर्तमान में अब इस जिनालय में 5 अधिक नवीन वेदिकाओं का निर्माण कर उनमें अनेक जिनबिम्ब स्थापित किये गये हैं । प्राचीन मूर्तियों पर पालिश करा दी गयी है। जिससे जिनालय की प्राचीनता पर काफी असर पड़ा है। भगवान शान्तिनाथ की मूर्ति लगभग 18 फीट ऊँची हैं जबकि पार्श्व भागों में विराजमान प्रतिमाओं की ऊँचाई 10 फीट के आसपास होगी ।
नेमावर (रवातट) -
निर्वाण कांड में जिस रेवा तट से करोड़ों मुनियों के मोक्ष जाने की बात कही गई है। आचार्य श्री विद्यासागर जी के अनुसार नेमावर वही सिद्धक्षेत्र है । यह मध्यप्रदेश के हरदा जिले में आता है। आचार्य श्री ने यहां नर्मदा नदी से कुछ प्राचीन प्रतिमाओं को खोज निकाला था । वर्तमान में यहाँ अनेक भव्य नये जिनालयों का निर्माण किया गया है ।
कारी टोरन
यह ललितपुर जिलान्तर्गत मेहरोनी तहसील में आता है। ग्राम कारीटोरन में एक अतिप्राचीन जिनालय में अनेक खड्गासन व पद्मासन मुद्रा में प्रतिमायें विराजमान हैं ।
समसगढ़
यह प्राचीन तीर्थ क्षेत्र मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल से मात्र 20 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। यहाँ भगवान शान्तिनाथ, कुंथुनाथ व अरहनाथ की अतिभव्य व मनोज्ञ प्रतिमायें कायोत्सर्ग मुद्रा में विराजमान हैं।
इसी तरह देवास जिले में पुष्पगिरी एक नवोदित तीर्थ क्षेत्र है ।
कुराना
भोपाल के अन्तर्राष्ट्रीय भोज विमान तल से 3-4 किलोमीटर आगे कुराना तीर्थ क्षेत्र में अतिप्राचीन खड्गासन मुद्रा में लगभग 20 फीट ऊँची भगवान आदिनाथ की प्रतिमा विराजमान है ।
174■ मध्य-भारत के जैन तीर्थ