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________________ ललवानी वडेर वरमेवा ਕੱਠ वुच्चा बाघमार शाह शेखावत श्रीश्रीमाल संचेती सांड सावनसुखा सीपानी संखलेचा सोलंकी सेठिया सोनगरा सांखला सुराणा सियाल सालेचा सिंघी सिंघवी सोनावत समदड़िया हाकिम हरकावत हूँडिया हुंबड़ प्राप्त जानकारी के अनुसार खरतरगच्छाचार्यों द्वारा उक्त गोत्रों की स्थापना हुई । अन्य गोत्र भी सम्भव है । (८) प्रखर साहित्य - साधना खरतरगच्छ में अनेक प्रभावशाली आचार्य और प्रतिभाशाली विद्वान मुनि हुए, जिनके कर्तृत्व से तत्कालीन तथा वर्तमान जैन समाज आत्यन्तिक उपकृत है । खरतरगच्छ की विद्वत् परम्परा में भाषा, साहित्य, दर्शन, इतिहास, अनेकार्थ, वैयाकरण, वृत्तिसाहित्य, प्रकरणसाहित्य, नीति, ज्योतिष, वैद्यक आदि विविध विधाओं पर हजारों कृतियों की रचना हुई । ऐसे भी अनेक खरतरगच्छीय श्रमण व श्रमणाचार्य हुए जिनमें एक-एक की ही हजारों रचनाएं साहित्य-संसार को उपलब्ध हैं । खरतरगच्छीय मुनियों ने न केवल साहित्य-सर्जन किया, २५
SR No.023258
Book TitleKhartar Gachha Ka Aadikalin Itihas
Original Sutra AuthorN/A
AuthorChandraprabhsagar
PublisherAkhil Bharatiya Shree Jain S Khartar Gachha Mahasangh
Publication Year1990
Total Pages266
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size19 MB
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