________________
उस श्रृंखला में हमारी गतिशीलता किस सीमा तक है ? अवश्य ही हमें आत्मावलोकन करना होगा । हम उस अनुपम - अप्रतिम विरासत के धनी हैं, जिसने कभी समग्र भारतीय जीवन को आन्दोलित कर डाला था । उस विरासत से यदि हम ही प्रेरणा न लें, तो औरों से आशा ही कैसे करें । अतएव अपने पूर्व पुरुषों के परम पवित्र जीवन से प्रेरणा के रूप में शक्ति-संचय कर हम ज्ञान और साधना के पथ पर अग्रसर होएँ, जिसे स्थापित करने के लिए खरतरगच्छ ने क्रान्ति की थी और अपना अस्तित्व पाया था ।
90000
00000 10000 Poose
२४२