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________________ अत्र साखि मलधारी गच्छे पण्डित गुणतिलक मतं २० ओसवाल गच्छे पंडित रत्नहर्ष मतं २१ "" ار 39 "" " לי R ·"" .99 " 95 99 39 "" 35 "" 54 34 "" 39 35 "" 39 99 "" प्रवल पर्वीया आँचलिया (आगमिया) पंडित रंयामतं २२ चित्रवाल गच्छे वा० क्षेमा मतं २३ चिन्तामणिया पाडा वा० गुणमाणिक्य मतं २४ आगमिया उ० सुमतिसेखर मतं २५ बेगड़ा खरतर पण्डितपद्ममाणिक्य मतं २६ ( उ० धर्म मेरुमत ) वृहत्खरतर वा० मुनिरत्न मतं २७ चित्रवाल जोगीवाडइ पं० राजा मतं ( मुनिराज मतं ) २८ कोरण्टवाल गच्छे चेला हांसा मतं २६ विवंदणीक खिरालुआ ( चेला मोकल ) मतं ३० आगमिया मोकल मतं ३१ खरतर उपाध्याय जयलाभ मतं ३२ 1 एवं काती सुदि ४ दिने ( काती सुदि ७ शुक्रवारे ) सर्व दर्शन मिली ( सर्व संग समुदायें ) मजलस कीधी | धर्मसागर ऋषि-मति ते डाव्यड, पुणि धर्म सागर दर्शन माँहि न आव्यड, बार तीन मजलस करी तेाव्यो पछs छिपी रह्यो ( ते श्याम मुख करनई ) पण नावइ । तिवारइ काती सुदि १३ दिने सर्व दर्शन मिली नइ चर्चायइ खोटो ( कूडो झूठउ ) जाणी नइ ( सर्वथा ) निन्हव थाप्यो । जिनदर्शन बाहिर कीधउ । सही-सही १०८ सर्व दर्शन सम्मत श्री अभयदेव सूरि नवांगीवृत्तिकरता स्थंभणा पार्श्वनाथ प्रकटकर्ता ते खरतर गच्छइ हुवा : पत्तनीय समस्त दर्शन विचारी मत लिखतं । उपाध्याय धर्मसागर आदि विद्वानों ने जो सं० १२०४ खरतरोत्पत्तिकाल लिखा, 'खरतरगच्छ - उद्भवकाल' के अन्तर्गत हमने इसका निरसन कर दिया है। संभवतः इनकी नीयत यह रही थी कि १२१
SR No.023258
Book TitleKhartar Gachha Ka Aadikalin Itihas
Original Sutra AuthorN/A
AuthorChandraprabhsagar
PublisherAkhil Bharatiya Shree Jain S Khartar Gachha Mahasangh
Publication Year1990
Total Pages266
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size19 MB
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