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मद्रास; श्री प्रकाशकुमारजी दफ्तरी, कलकत्ता आदि महानुभावों का सक्रिय सहयोग प्राप्त हुआ है । हम सभी सहयोगी सज्जनों के प्रति अपनत्व दर्शाते हुए धन्यवाद ज्ञापन करते हैं ।
आशा है, इस इतिहास को खूब पढ़ा / सराहा जाएगा और जीवन की गतिविधियों में प्रशमरतित्व की खरतरता / प्रखरता को प्रतिष्ठित कर ज्योतिर्मयता को साकार किया जाएगा ।
राजेन्द्रकुमार श्रीमाल संयोजक
इतिहास प्रकाशन समिति, अ. भा. श्री जैन श्वे. खरतरगच्छ महासंघ.
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