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सिरि भूवलय
इसी प्रकार सत्य पत्रिका के संपादक वर्ग में श्रीनिवास मूर्ति जी ने एक पुस्तक के बराबर लेखों की माला बनाई । सेवक पत्रिका के श्री अनंत सुब्बराव जी ने मैसूर में प्रतिदिन इस ग्रंथ का प्रचार किया । ताईनाडु, वीरकेसरि, जनवाणि, प्रजामत, प्रजावाणि, पी.टी.ऐन प्रचारसार, दिल्ली का सार्वदेशिक, जैनगेजेट, नवजीवन, अर्जुन, अजमीरिन, आर्यमार्तंड, सूरत का जैनमित्र, कोल्हापुर का पुढारि, सत्यवादि, भावनगर का जैन, कलकत्ता का सन्मार्ग, मैसूर का सर्वज्ञ संदेश, जिन वाणि तथा वैश्य पत्रिका, मंगलूर का नवभारत तथा विवेकाभ्युदय, काशी का श्रमण, धारवाड का कर्नाटक, हुबळ्ळ का कर्मवीर, इस प्रकार लिखते जाए तो अनेक पत्रिकाएँ स्मरण में आते हुए हम ही डूब जाए ऐसे इतने पृष्ठों के लेखों में उपरोक्त बातों को सिद्ध किया है ।
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