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-(सिरि भूवलय
॥९०॥
॥९६।। ॥९७॥ ॥९८॥ ॥९९॥
॥१०॥
॥१०१।।
रस अनागत इप्पत्नाल्कु ॥८८॥ कुसुमकोदन्डदल्लणर ॥८९॥ रसदेप्पत्रडन्क नवम दिशेयन्कओम्बत्तु काव्य ॥९१॥ रस मारु काल तीर्थकरन्क ॥१२॥ यशदन्क काव्य भूवलय ॥९३॥ वश मूरु मूरलोम्बत्तम् ॥९४॥ बेसेदक काव्य भूवलय
. ॥१५॥ पूर्वापाराजित कर्मव केडिसिद । पूर्वदिप्पत्नाल्कु इनित* ॥ निर्मलदीगण इप्त्नाल्झन्कद । धर्म मुन्दण इप्पत्नाल्कु रसदे ई मूरु कालद तीर्थनाथर । रसकूटदलि एरडेळु । बेसर* त्नत्रय मूरु मूरल ओम्बत्तु । वशवदे मूरु कालान्क २४४३=७२ णेरद ई मूरु गुणाकारदिम्बन्द । हारदमणियन्गवद ॥ सारग्रन्थद हदिनाल्कु गुणस्थान । दारदगुणकारदिन्द ३ x ३९ । णवपद प्राप्तिय गुणकार मग्गियिम् । सवि हदिनाल्कन्कर* रसदिम्।। सवनिसेसाविरदेन्टुदलद पद्म। दवतारदमरदन्क७२ x१४=१००८ गमनिसि साविरदेन्टु दलगळुळ्ळ । कमलगळ् एरड्उ कालन्- नूरु ॥ कमपाद ओम्दरिम् गुणिसे सोन्नेयु 'आ' । विमल सोन्ने एन्ट्
आरेरडेरड्ड (१००८ x २२५=२२६८००.) दोष विनाशनवाद ओम्दे पाद । दाशक्तियतिशय पुण्य ॥ राशिय थ*रतर गणितदोळात्मन । आ सिद्धरसव माडुवुदु आशयनेल्ल कूडिपुदुम् ॥१०२॥ राशिकर्मव कळेयुवदु
॥१०३।। श्रीशन माडुत बहुदु
।।१०४॥ लेसनु साधिसलहुदु
॥१०५।। राशि ज्ञानव होरडिपुदु ॥१०६।। श्री सिद्ध पदवसाधिपुदु ॥१०७॥ राशियनोमदुगूडिपुदु ॥१०८॥ ईशत्ववदनु साधिपुदु
॥१०९॥ ईषत्पाग्भारकेदिपुदु ॥११०॥ राशिसूक्ष्मत्व साधिपुदु ॥१११।। आशेयव्याबाधवहुदु
॥११२॥ नाशत्वेल्लगेल्वुदु
॥११३॥ ओषधरूपवागिपुदु ॥११४॥ औषधवम्तवागिपुदु ॥११५।।. राशियवगाहवागिपुदु
॥११६।। लेसिनगुरुलघुवहुदु ॥११७॥ लेसनेल्लरिगे तोरुवुदु
॥११८॥ आशक्तियनुभव काव्य श्रीशक्तियाद्यन्क वलय ॥२०॥ भूषणकाव्य भूवलय
॥१२॥ केळुव भव्यर नालगेयग्रद । सालिनिम् परितन्दुदनु ॥ कालक लापद अरवत्तु साविर । लीलेयशन्केगुत्तरवम् वरदवागिसि अतिसरलवनागिसि । गुरु गौतमरिन्द हरिसि ॥ सर्* वान्कद् अरवत्नाल्क् अक्षरदिन्द । सरिश्लोक आरु लक्षगळोळ् लिपियु कर्नाटकवागलेबेकेम्ब । सुपवित्र दारियतोरि ॥ मपता*ळलयगूडिद् आरुसविर सूत्र । दुपसम्हार सूत्रदलि णोआगमद्रव्य शास्त्रवागिसिदन्क । ई आगमद्रव्य वर* द ॥ ऊ आगमद दिव्याझर स्वरदोळु । श्री आगमद भूवलय
॥११९।।
॥१२॥ ॥१२३॥
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