________________
(सिरि भूवलय
सार्थक सहयोग सरस्वती सु.होटो
सरस्वती सु. होटी, पिता श्री टिप्पण्णाप्पा जी और माता ताराबाई की पुत्री, का जन्म कर्नाटक राज्य के बागलकोट जिला के गुलेदगुड्डा शहर के निवासी के यहाँ ४ सितंबर को हुआ। किशोरावस्था में ही पाँडीचेरी में कार्यरत श्री सुभाष होटी जी के साथ विवाह बंधन में बंधकर अपना वैवाहिक जीवन पाँडीचेरी में प्रारंभ किया । दो पुत्रियों की माता, संकोची स्वभाव की श्रीमती सरस्वती स्वयं में केन्द्रित गृहिणी है।
पाँडीचेरी के कन्नड संघ में पति-पत्नी दोनों सक्रिय सदस्य हैं। इस संघ के कार्यक्रमों के कागजातों का श्रीमती सरस्वती यदा-कदा अक्षर विन्यास करती रहीं। इन्ही दिनों श्री कुलकर्णी जी की पत्नी श्रीमती विनुता कुलकर्णी जी के द्वारा रचित कन्नड पुस्तक “नन्न दांपत्यवलय”(मेरा दांपत्य जीवन) का अक्षर विन्यास बखूबी किया और प्रशंसा की पात्र बनी।
___ इसी दौरान मेरी अपनी पुस्तक “अच्छा लगता है" का भी कार्य जारी था तभी इन्होंने मेरे कार्य में भी मेरी भरपूर सहायता की, न केवल अक्षर विन्यास में वरन कविताओं के चयन में, शीर्षक सुझाव में तथा कविताओं को क्रम में से लगाने में से लेकर पुस्तक के प्रकाशन तक मेरे साथ श्रीमती सरस्वती और श्री सुभाष होटी लगे रहे। . ___ यूँ तो मेरा इनसे परिचय बहुत पुराना था परन्तु इस पुस्तक के कार्य के दौरान मेरा परिचय मित्रता और स्नेह में परिवर्तित हुआ । मेरे काव्य संग्रह के कार्य के दौरान ही हमने अर्थात श्रीमती सरस्वती तथा मैंने एक और कार्य चेन्नई से प्रकाशित स्वास्थ्य। में, जिसमें हिन्दी लेख का कन्नड में अनुवाद करने का कार्य हाथ में लिया और इसी कार्य के दौरान हमारी मित्रता और भी धनिष्ठ हो गई । इसी बीच हमने मिलकर और भी कई कार्य साथ में किया जिनमें श्रीमती सरस्वती का योगदान महत्त्वपूर्ण रहा ।
23