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________________ साहित्य समाज और जैन संस्कृत महाकाव्य जयसिंह देव के राज्यकाल में हुए थे ।' प्रो० बूलर ने जयसिंह देव का राज्यकाल वि० सं० ११५०-११६६ तक निर्धारित किया है । २ हेमचन्द्र के द्वयाश्रय महाकाव्य से भी ज्ञात होता है कि वाग्भट चालुक्य वंशीय कर्णदेव के पुत्र थे तथा राजा जयसिंह देव के अमात्य थे। अतः इन साक्ष्यों के आधार पर डा० नेमिचन्द्र शास्त्री महोदय ने नेमिनिर्वाण महाकाव्य का रचनाकाल ११२७ ई० से पूर्व होने की सम्भावना पर बल दिया है। धर्मशर्माभ्युदय के कतिपय पद्यों का वाग्भट के नेमिनिर्वाण में प्रभाव देखे जाने के कारण नेमिचन्द्र महोदय ने नेमिनिर्वाण महाकाव्य की निश्चित समयावधि १०७५.११२५ ई० निर्धारित की है ।। नेमिनिर्वाण महाकाव्य में कुल १५ सर्ग हैं जिनमें तीर्थङ्कर नेमिनाथ का चरित्र चित्रित किया गया है । प्रारम्भ में चौबीस तीर्थङ्करों को नमस्कार किया गया है। सन्ध्या , प्रभात, पर्वत, वन, नदी, नगर, समुद्र आदि वर्णनों से युक्त इस महाकाव्य में युद्ध, सेना-प्रयाण प्रादि वीरतापूर्ण वर्णनों का अभाव है। इनके अतिरिक्त महाकाव्य में विवाह, कुमारोदय, मधुपानगोष्ठी, सलिलक्रीडा, मुनिवर्णन आदि वर्ण्यविषय विशेष रोचक हैं। (९) हेमचन्द्रकृत द्वयाश्रय (१२वीं शती ई०) हेमचन्द्रसूरि द्वारा रचित द्वयाश्रय महाकाव्य के 'चालुक्य वंशोत्कीर्तन' तथा 'कुमारपालचरित' अपर नाम भी प्रसिद्ध हैं ।५ द्वयाश्रय महाकाव्य के प्रणयन के दो प्रमुख लक्ष्य थे । प्रथम संस्कृत व्याकरण का परिचय देना एवं द्वितीय चालुक्य वंश का कथा वर्णन करना । द्वयाश्रय महाकाव्य के प्रथम बीस सर्गों की भाषा संस्कृत है तथा अन्तिम आठ सर्ग प्राकृत में लिखे गए हैं। संस्कृत भाग 'द्वयाश्रय' तथा प्राकृत भाग 'कुमारपालचरित' के नाम से प्रसिद्ध है । इस प्रकार संस्कृत तथा प्राकृत दोनों भाषाओं में लिखे जाने के कारण अथवा व्याकरण तथा काव्य दोनों शाखाओं पर आश्रित होने के कारण इसका 'द्वयाश्रय' नाम सार्थक ही है। हेमचन्द्र का चालुक्य १. Buhlar, The Life of Hemacandracārya, Santini ketan, 1936, p. 12 २. द्वयाश्रय, २०.६१, ६२ ३. वही, २०.६१, ६२ ४. नेमिचन्द्र शास्त्री, संस्कृत काव्य पृ० २८३ ५. Kavyānusāsana of Acārya Hemacandra, ed. by Parikh, R.C., and Kulkarni, V.M., Bombay, 1964, p. 62
SR No.023198
Book TitleJain Sanskrit Mahakavyo Me Bharatiya Samaj
Original Sutra AuthorN/A
AuthorMohan Chand
PublisherEastern Book Linkers
Publication Year1989
Total Pages720
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size15 MB
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