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राजनैतिक शासन तन्त्र एवं राज्य व्यवस्था
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है कि प्रस्तुत अध्याय में राज्य व्यवस्था से सम्बन्धित विभिन्न केन्द्रीय अथवा प्रान्तीय शासन व्यवस्था के प्रतिपादक तथ्य समग्र रूपेण मध्यकालीन भारतवर्ष की राज्य व्यवस्था पर प्रकाश डालते हैं। दक्षिण भारत के प्रसिद्ध राजवंशों तथा चालुक्य, चाहमान आदि राजवंशों की शासन प्रणाली का राज्य व्यवस्था पर विशेष प्रभाव पड़ा था। ग्राम प्रशासन से सम्बद्ध 'महत्तर'/'महत्तम' और 'कुटुम्बी'
आदि के जैन महाकाव्यीय उल्लेखों से इतिहासकारों की अनेक भ्रान्तियों का निराकरण हो जाता है तथा तत्कालीन ग्राम प्रशासन के सामन्तवादी चरित्र को विशद करने में इनसे पर्याप्त सहायता मिलती है। द्वयाश्रय, कीर्तिकौमुदी, वसन्तविलास तथा हम्मीरमहाकाव्य में उपलब्ध विविध राजवंशावलियों आदि के उल्लेख ऐतिहासिक दृष्टि से अत्यन्त महत्त्वपूर्ण कहे जा सकते हैं ।