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________________ राजनैतिक शासन तन्त्र एवं राज्य व्यवस्थां चालुक्यकालीन राज्य व्यवस्था के सन्दर्भ में विद्वानों की मान्यता है कि 'सामन्त ' १. तथा 'माण्डलिक' पूर्ण राजा न होकर विभिन्न प्रान्तों के उच्चाधिकारी होते थे । २ चालुक्यराज मूलराज की सभा में 'महामण्डलेश्वर' तथा 'सामन्तों' का अस्तित्व था । 3 इसी प्रकार कुमारपाल का भागनेय कृष्णदेव भी एक इसी प्रकार का 'सामन्त था जिसके अधिकार में एक विशाल सेना भी थी । द्वयाश्रय० भी राजा कुमारपाल के विजय एवं कृष्णक नामक दो सामन्तों के अस्तित्व की सूचना देता है । ४ द्विसन्धान महाकाव्य में सामन्त राजाओं के संघ भी वरिणत हैं । चन्द्रप्रभचरित तथा हेमचन्द्र के त्रिषष्टिशलाकापुरुषचरित में 'सामन्त ' का प्रयोगबाहुल्य है । राजा यदि अपने राज्य के प्रति उदासीन हो जाए तो अवसर पाकर अनेक अधीन सामन्त स्वतन्त्र होने की चेष्टा भी करने लगते थे। 5 चन्द्र० का महासेन राजा प्रत्यधिक विषयसुखों की प्रोर प्राकृष्ट होने के कारण राज्य व्यवस्था के प्रति सावधान हो चुका था । ऐसी स्थिति में उसके अधीनस्थ कई राज्यस्वतन्त्र हो गए । बाद में मन्त्रियों के द्वारा सामन्त राजानों के सिर उठाने के समाचार को जानकर वह पुनः व्यवस्था के प्रति सावधान हो गया। महासेन अपने अन्य सामन्तों को साथ लेकर राज्य विस्तार की इच्छा से विजय यात्रा के लिए निकल पड़ा था । १० अनेक देशों के 'सामन्त' राजा महासेन के पराक्रम से भयभीत होकर इसके प्रधीन हो गए । कवि ने इस अवसर पर इन 'सामन्त राजानों की अधीनता स्वीकार करने का वर्णन अत्यन्त रोचक ढंग से किया है ।" १. Narang, S.P., Hemacandra's Dvyāśrayakāvya, Delhi, 1982 P, 174 २. लक्ष्मी शंकर व्यास, महान् चौलुक्य कुमारपाल, पृ० १२६ ३. तु० - ' तत्रास्ति कृष्णदेवाख्यः सामन्तोऽश्वायुत स्थितिः ।' ८७ ४. द्वयाश्रय ६.२६ ५. तु० – 'न नाम प्रतिसामन्तं त्रेसुः के संघवृत्तयः ' - द्विस० १८.११४ ६. चन्द्र० २.३०, ४.४५, १५.११३, १६.३७, १६.४७ - प्रभावकचरित, श्रध्याय २२, पृ० १९७ ७. त्रिषष्टि० २.३.१७५, २३६, २४० ८. तु० – स्वातन्त्र्यं ययुरखिलानि मण्डलानि ' -- चन्द्र० १६.२३ ९. चन्द्र०, १६.२४ १०. चन्द्र०, १६.२४ ११. वही, १६.२५ - ५०
SR No.023198
Book TitleJain Sanskrit Mahakavyo Me Bharatiya Samaj
Original Sutra AuthorN/A
AuthorMohan Chand
PublisherEastern Book Linkers
Publication Year1989
Total Pages720
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size15 MB
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