SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 604
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ देखिये !! अवश्य देखिये !! शान्तिनाथ - चरित्र. मूल्य रेशमी जिल्द ३) यह ग्रन्थ-रत्न हिन्दी जैन - साहित्यका परम रमणीय सर्वोत्तम शृंगार है । इसमें शान्तिनाथ स्वामीके सोलह भवोंका सम्पूर्ण चरित्र बड़ी ही सुन्दर, हृदयग्राही और मनोरञ्जक भाषामें उपन्यासके ढंगपर लिखा गया है। जो स्त्री-पुरुष, बूढ़े- बच्चे सभीके पढ़ने, सुनने और मनन करने योग्य है। सारे संसारके साहित्यको खोज डालिये, पर ऐसा सरस और अनुपम ग्रन्थरत्न आपको किसी भी भाषामें नहीं मिलेगा । इसमें परम मनोहर, नयनाभिराम और वित्ताकर्षक रंग-विरंगे दर्जनों चित्र दिये गये हैं । जिन्हें मात्र देखने पर ही "शान्तिनाथ भगवानका " सारा चरित्र बायस्कोपकी भांति आँखोंके समक्ष दिख आता है । यदि भाज भारतमें छापाखाना न होता तो केवल इसके एक चित्रका ही मूल्य एक अशर्फी होता । इतना होनेपर भी इस परम सुन्दर सर्वाङ्ग- पूर्ण बहुमूल्य ग्रन्थ-रत्नका मूल्य केवल ३) मात्र रखा गया है । हजार कर्मोंमें किफायत कर इस ग्रन्थ-रत्नको आज ही मंगवाइये । मिलनेका पता - पण्डित काशीनाथ जैन । मु० बंबोरा, पोष्ट भीण्डर ( नीमच - मेवाड़)
SR No.023182
Book TitleParshwanath Charitra
Original Sutra AuthorN/A
AuthorKashinath Jain Pt
PublisherKashinath Jain Pt
Publication Year1929
Total Pages608
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size12 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy