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________________ 'प्रथम पर्व ५१३ आदिनाथ चरित्र उनका व्रतपर्याय बीस हज़ार नौ सौ वर्ष तथा मोक्षमें एक हज़ार कोटि वर्षका अन्तर होगा। राजगृह नगरमें सुमित्र राजा और पद्मादेवीके पुत्र सुव्रत नामके बीसवें तीर्थकर होंगे। उनका रङ्ग काला, आयु तीस हज़ार वर्षकी और काया. बीस धनुषों की होगी। उनका व्रतपर्याय बीस हजार नौ सौ वर्ष तथा मोक्ष में चौवन लाख वर्षका अन्तर होगा। मिथिला-नगरीमें विजय राजा और वप्रादेवीके पुत्र नमि नामके इक्कीसवें तीर्थङ्कर सुवर्ण जैसे वर्णवाले, दस हज़ार वर्षकी आयुवाले और पन्द्रह धनुषके समान उन्नत शरीरवाले होंगे। इनका व्रतपर्याय ढाई हज़ार वर्षका तथा इनके और मुनि सुव्रतके मोक्षमें छः लाख वर्षका अन्तर होगा। शौर्यपुरमें समुद्रविजय राजा और शिवादेवीके पुत्र नेमि नामके बाईसवें तीर्थङ्कर होंगे। उनका वर्ण श्याम, आयु हज़ार वर्षकी और काया दस धनुषकी होगी। इनका व्रतपार्याय सातसौ वर्षका और इनके तथा नमिनाथके मोक्षमें पाँच लाख वर्षको अन्तर होगा। वाराणसी (काशी) नगरोमें राजा अश्वसेन और वामा रानीके पुत्र पार्श्वनाथ नामकेतेईसवें तीर्थङ्कर होंगे। उनका नील वर्ण, सौ वर्षेकी आयु, नौ हाथकी काया, सत्तर वर्षका व्रतपर्याय और मोक्षमें तिरासी हज़ार साढ़ेसात सौ वर्षका अन्तर होगा। क्षत्री-कुण्ड ग्राममें सिद्धार्थ राजा और त्रिशलादेवीके पुत्र महावीर नामके चौबीसवें तीर्थङ्कर होंगे। उनका वर्णसुवर्णके समान, आयु बहत्तर वर्षकी, काया सात हाथ की, व्रतपर्याय बयालीस वर्ष का और पार्श्वनाथ तथा उनके बीच ढाई सौ वर्षका अन्तर होगा।
SR No.023180
Book TitleAdinath Charitra
Original Sutra AuthorHemchandracharya
AuthorPratapmuni
PublisherKashinath Jain Pt
Publication Year1924
Total Pages610
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size12 MB
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