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________________ आदिनाथ-चरित्र ५१२ प्रथम पव इनके मानके बोचमें नौ सागरापमका अन्तर होगा। रत्नपुर में भानु राजा और सुवनादेवोके पुत्र धर्म नामके पन्द्रहवें तीर्थङ्कर होंगे। उनका मुवर्णकासा वर्ण, दश लाख वर्षकी आयु और पैंतालिस धनुषों कीसो काया होगी। उनका व्रत-पर्याय ढाई लाख वर्षका और अनन्तनाथ तथा उनके मोक्ष बोच चार सागरोपम का अन्तर होगा। इसी तरह गजपुर नगरमें विश्वसेन राजा और अधिरादेवाके पुत्र शान्ति नामके सोलहवें तीर्थङ्कर होंगे। उनका सुवर्ग समान वर्ग, आठ लाख वर्षकी आयु, चालीस ध नुयों को काया पश्चीस हज़ार वर्षका ब्रापर्याय और पौन पल्यो. पम न्यून तीन सागरोगमका अन्तर होगा। उसी गजपुग्में शूर राजा ओर श्रीदेवो गनोके पुत्र कुल्थ नामके सत्रहवें तीर्थङ्कर होंगे। उनका सुवणेकामा वर्ण, पञ्च नये हजार वर्षकी आयु, पैंतीस धनुषाकी काया, तेई न हतार साढ़ेसात सौ वर्षों का व्रतपर्याय और शान्तिनाथ तथा इनके मोक्षमें अर्द्ध पल्योगमका अन्तर होगा। उसी गनपुरमें सुदर्शन राजा ओर देवोरानीके अर नामक पुत्र अठारहवें तीर्थङ्कर होंगे। उनकी सुवर्ण जैसी कान्ति, चौरासी हज़ार वर्षको आयु और तोस धनुषों को काया होगी। उनका व्रत. पर्याय इक्कीस हज़ार वर्षका तथा कुन्युनाश और उनके मोक्षकाल में एक हजार करोड़ वर्ष न्यून पल्योपमके चौथाई हिस्सेका अ. न्तर होगा। मिथिलापुरोमें कुम्भ राजा और प्रभावती देवीके पुत्र मलिनाथ नामके उन्नीसवें तीर्थङ्कर होंगे। उनका नील वर्ण पचपन हजार वर्षको आयु और पच्चीस धनुषकी काया होगी।
SR No.023180
Book TitleAdinath Charitra
Original Sutra AuthorHemchandracharya
AuthorPratapmuni
PublisherKashinath Jain Pt
Publication Year1924
Total Pages610
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size12 MB
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