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________________ श्रीप्रश्नोत्तरमदीपे. यदुक्तंश्रीलोकप्रकाशे “ततोद्वितीयपौरुष्यामाद्योन्योवागणाधिपः ॥ सिंहासनेनुपानीतेपादपीठेथवार्हताम् ॥१॥” ५७ प्रश्न-श्री ऋषभदेवना प्रथम गणधरनुं नाम पुण्डरीक छे के ऋ षभसेन छे ? उत्तर-पुण्डरीक कहो, अथवा ऋषभसेन कहो ए एकज छे. का. .. रण के ऋषभसेन ए पुण्डरीकनुं नामान्तर छ. . ... तथाहिश्रीलोकप्रकाशे. “कल्पसूत्रेचप्रथमगणधरऋषभसेनइत्यभिधीयतेपुण्डरीकस्यैवनामान्तरमिदमित्यन्ये" ५८ प्रश्न-श्री ऋषभदेवस्वामिने प्रथम पारणे केटला सेलडीरसना घडा कह्या छ ? उत्तर-श्री आवश्यकचूर्णिमां एक सेलडीरसनो घडो कयो छे अने श्रीपनानन्दकाव्य, हैमऋषभचरित्रमां तो सेलडीरसना घडा घणा कह्या छे. ... तथाचोक्तंलोकप्रकाशे. “अत्रचावश्यकचूर्णावेकइक्षुरसघटउक्तःपद्मानन्दकाव्यहैमऋषभचरित्रयोस्तुबहवउक्तासन्तीतिज्ञेयम् ” ५९ प्रश्न-जो दीक्षा दिवसथी ( चैतरवद ८ थी ) पारणाना दिवस सुधी (वैशाख सुद बीज सुधी) गणीए तो वर्ष उपरांत
SR No.023171
Book TitleTrigranth Samuchhay Prashnottar Pradip Paryushanashthnika Vyakhyan Panchjin Stuti
Original Sutra AuthorN/A
AuthorLakshmivijay
PublisherBhogilal Kalidas Shah
Publication Year1909
Total Pages250
LanguageSanskrit, Hindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size13 MB
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