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________________ ( २३ ) 99 १६३ ३३ अढार द्रव्यदिशा तथा अढारभाव दिशा केवीरीते जाणवी ? १६२ ३४ श्रेणिकराजानुं " भंभासार नाम शाथी ? ३५ अधोलोकमां एक समये केटला सिद्ध थाय ? ३६ १४ पूर्वना प्रमाणमां १६३८३ हाथी कह्याछे ते हाथी १६४ .... **** कया क्षेत्रना लेवा ? १६४ .... ३७ भव्य, अभव्यादि सर्व जीवनी मूळभूमिका कइ समजवी ? १६४ ३८ गोशाळे महावीरस्वामि उपर तेजोलेश्या मेली ते तेजोले .... श्यामी शक्ति केवी हती ? १६५ ३९ साकार तथा निराकार उपयोगनो काळ केटलो ? १६५ ४० वीसातमी नरकपृथ्वी विषे तथा सर्वार्थसिद्ध विषे जाय ? १६६ ४१ दरेक माणसे व्याख्यान केवी रीते सांभळवु ? १६७ ४२ जमा लिना पितानुं नाम कोइपण शास्त्रमां देखातुं नथी एम केटलाक कछे तेनुं केम ? .... 0.00 **** .... .... .... ४३ युद्धमां " महारथ " कोने कहीए ? ४४ श्रेयांसकुमार कया महाराजाना पुत्र जाणवा ? ४५ पंचमीदेववंदनविधियां " निद्रास्वप्न जागरदशा ० इत्यादि आवी एक गाथा छे तेनो शो भावार्थ छे ? .... .... १६९ १६९ ४६ " वरवर्णिनी स्त्री कइ जाणवी ? ४७ “ न्यग्रोधपरिमंडला" शब्द केवालक्षणवाळीनारीविषेजाणवो १६९ ४८ अक्षौहिणी तथा महाक्षौहिणीनुं शुं प्रमाण छे ? ४९ स्त्यानर्द्धिनिद्रावाळाने वामुदेवना बळथी अर्द्ध बळ जे क छे ते बल आजकाले होय के न होय ? १७० ५० नारक जीवोने मेहसत्ता होय के ? .... .... ५१ कः खेभाति ० इत्यादि आ काव्यथी भुं समजाय छे ! ५१ एक समयमां वे क्रिया होय ? १६७ १६८ १६८ .... १७१ १७१ १७२ १७४
SR No.023171
Book TitleTrigranth Samuchhay Prashnottar Pradip Paryushanashthnika Vyakhyan Panchjin Stuti
Original Sutra AuthorN/A
AuthorLakshmivijay
PublisherBhogilal Kalidas Shah
Publication Year1909
Total Pages250
LanguageSanskrit, Hindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size13 MB
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